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मोदी-बाइडेन के बीच 52 मिनट बातचीत, स्पेस-रक्षा और AI क्षेत्र में सहयोग समेत इन मुद्दों पर बनी सहमति

G20 समिट से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि हमारी बैठक काफी प्रोडक्टिव थी. हमने कई मुद्दों पर चर्चा की. जो कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाएंगे. यह वैश्विक भलाई और दोनों देशों की दोस्ती में अहम भूमिका निभाएगी.

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पीएम मोदी और बाइडेन के बीच 77 मिनट तक मुलाकात हुई
पीएम मोदी और बाइडेन के बीच 77 मिनट तक मुलाकात हुई

G-20 समिट से पहले पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच करीब 52 मिनट तक मुलाकात हुई. बाइडेन एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सीधे पीएम आवास पर पहुंचे. यहां दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. PM मोदी और बाइडेन की मुलाकात के बाद एक साझा बयान जारी किया गया. इसमें भारत-अमेरिका की साझेदारी बढ़ाने पर बात हुई. साथ ही अमेरिका UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता के पक्ष में दिखा. इस दौरान बाइडेन ने G20 की अध्यक्षता के लिए भारत की तारीफ की, साथ ही चंद्रयान-3 की सफलता के लिए भारत को बधाई दी. वहीं पीएम मोदी ने बाइडेन को क्वाड सम्मेलन-2024 के लिए न्योता भी दिया.

बाइडेन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि हमारी बैठक काफी प्रोडक्टिव थी. हमने कई मुद्दों पर चर्चा की. जो कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाएंगे. यह वैश्विक भलाई और दोनों देशों की दोस्ती में अहम भूमिका निभाएगी.

संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर के साझा मूल्य दोनों देशों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं और ये मूल्य हमारे रिश्ते को मजबूत करते हैं. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा पर बाइडेन शाम करीब सात बजे दिल्ली पहुंचे. एयरपोर्ट पर उनका स्वागत गीतों और संगीत कार्यक्रम के साथ किया गया था.
 

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स्पेस-AI और दोनों देशों के संबंधों पर फोकस

पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ संबंधों की वकालत की. साथ ही पीएम मोदी और बाइडेन ने G20 के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की और विश्वास जताया कि शिखर सम्मेलन के नतीजे साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाएंगे. दोनों नेताओं ने स्पेस और AI के विस्तार में सहयोग के माध्यम से भारत-अमेरिका की रक्षा साझेदारी को बढ़ाने और विविधतापूर्ण बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. PM मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में तकनीकी की निर्णायक भूमिका को लेकर चर्चा की. दोनों नेताओं ने साथ ही खुली, सुलभ, सुरक्षित और लचीली टेक्नोलॉजी का ईकोसिस्टम और श्रृंखला बनाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी पर चल रहे प्रयासों की सराहना की.

न्यूक्लियर एनर्जी पर भी हुई चर्चा

- पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करने में क्वाड के महत्व की पुष्टि की. साथ ही PM मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने न्यूक्लियर एनर्जी में भारत-अमेरिका सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए दोनों पक्षों की संस्थाओं के बीच जारी परामर्श का स्वागत किया. 

 

31 31 जनरल एटॉमिक्स MQ-9B देने पर सहमति

बाइडेन ने 31 जनरल एटॉमिक्स MQ-9B (16 हवाई और 15 समुद्री) यानी खुफिया विमान देने पर सहमति जताई. ये एक निगरानी विमान है, जिससे खुफिया जानकारी एकत्र की जा सकती है. इससे सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूती मिलेगी. साथ ही सशस्त्र बलों की क्षमताओं में भी इजाफा होगा.

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भारत में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश

अमेरिका अगले 5 साल में 400 मिलियन US डॉलर भारत में निवेश करेगा. साथ ही परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइजिंग करने के महत्व को दोहराते हुए बाइडेन ने भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता का विस्तार करने का स्वागत किया. इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों फंडों के माध्यम से फंडेड पेमेंट सिक्योरिटी सिस्टम के लिए संयुक्त समर्थन भी शामिल हैं. इससे भारतीय PM e-Bus सेवा कार्यक्रम समेत भारत में निर्मित 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में तेजी आएगी. जिसमें संबंधित चार्जिंग बुनियादी ढांचा शामिल होगा. दोनों देश ई-मोबिलिटी के लिए वर्ल्ड सप्लाई चेन में विविधता लाने में मदद करने पर सहमत हुए.

शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार पर सहमति

दोनों नेताओं ने मल्टी-इंस्टीट्यूशनल सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या का भी स्वागत किया. इसमें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफ़ेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के जॉइंट रिसर्च सेंटर और आईआईटी दिल्ली, कानपुर, जोधपुर और बीएचयू के बीच महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में साझेदारी पर सहमति जताई. दोनों नेताओं ने कांग्रेस की अधिसूचना प्रक्रिया के पूरा होने और भारत में GE F-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई. साथ ही सहयोगात्मक रूप से काम करने पर जोर दिया.

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