
देश की संसद पर 22 साल पहले हुए हमले की तारीख पर ही एक बार फिर लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था तार-तार पाई गई. दोपहर में दो लोग लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर सांसदों के बीच कूद गए और नारेबाजी करने लगे. सांसदों की तरफ मेज पर फांदते हुए दौड़ने लगे और जूते में छिपाकर लाए गए कलर स्मोक से वहां धुआं धुआं कर दिया. इतना ही नहीं संसद के बाहर भी इनके दो साथियों ने ऐसा ही किया.
इस घटना के बाद ढेरों सवाल उठ रहे हैं. एक बड़ा सवाल ये भी है कि जिस स्प्रे का इस्तेमाल किया गया वह क्या था? क्या उसमें कुछ संदिग्ध गैस आदि थी?
अब सूत्रों से जानकारी मिली है कि संसद भवन के अंदर और बाहर जिस स्प्रे का इस्तेमाल किया गया वह केमिकल युक्त या विस्फोटक नहीं है. प्राथमिक परीक्षण में ये बात सामने आई है कि ये एक कलर स्प्रे है. आमतौर पर इस स्प्रे का इस्तेमाल उत्सव के दौरान होता है.

संसद भवन के अंदर और संसद भवन के बाहर जिस स्प्रे का इस्तेमाल किया गया उन दोनों का कंपोजिशन यानि कंपोनेंट मिश्रण एक ही हैं.
पता चला है कि स्प्रे को संसद भवन के अंदर पब्लिक विजिटर एंट्री गेट से लेकर जाया गया था. इस मामले के सामने के बाद तुरंत सुरक्षा एजेंसियों ने संसद भवन परिसर के भीतर एक महत्वपूर्ण सुरक्षा ड्रिल किया, जिससे ये सुनिश्चित किया गया कि आगे इससे कोई और खतरा तो नहीं है. इस स्प्रे के सैंपल को फोरेंसिक टीम के पास जांच के लिए भेजा गया है.