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'GST में सुधार एक अच्छा कदम है, लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त नहीं...', बोले पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम

पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित जीएसटी सुधारों का स्वागत किया लेकिन कहा कि यह पर्याप्त नहीं हैं. उन्होंने जीएसटी कानूनों को डरावना और जटिल बताया. इसके साथ ही अनुपालन को सरल बनाने की मांग की. चिदंबरम ने कहा कि छोटे व्यापारियों को जेल भेजना समाधान नहीं है.

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जीएसटी सुधार पर पी चिदंबर ने किया आगाह (PTI photo/ File)
जीएसटी सुधार पर पी चिदंबर ने किया आगाह (PTI photo/ File)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2017 में लागू होने के बाद से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सबसे बड़े बदलाव के ऐलान के एक दिन बाद, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस कदम का स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि सिर्फ़ ये सुधार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे.

इंडिया टुडे टीवी को दिए एक इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा, "निर्मला सीतारमण कांग्रेस से सहमत हैं कि यह एक अच्छा और सरल टैक्स होना चाहिए. हम आठ साल से यही कह रहे हैं- जीएसटी का मतलब एक अच्छा और सरल टैक्स है. अब वह इस विचार पर सहमत हो गई हैं. मुझे खुशी है कि वह हमसे सहमत हैं."

पूर्व वित्त मंत्री ने बुधवार को घोषित दो-स्लैब संरचना को "एक ज़रूरी कदम, लेकिन पर्याप्त नहीं" बताया. हालांकि, नई दरें कमज़ोर खपत की आंशिक रूप से भरपाई कर सकती हैं और डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों से जुड़े टैरिफ़ के असर को कम कर सकती हैं, लेकिन उन्होंने तर्क दिया कि और ज़्यादा बदलाव ज़रूरी हैं.

'ट्रंप की टैरिफ का मुकाबला करने के लिए...'

पी चिदंबरम ने कहा, "यह कम खपत की दर की काफ़ी हद तक भरपाई कर देगा, यह ट्रंप के टैरिफ़ की आंशिक रूप से भरपाई कर देगा, लेकिन खपत बढ़ाने और ट्रंप की टैरिफ़ का मुक़ाबला करने के लिए कई और कदम उठाने होंगे. यह एक अच्छा कदम है, यह पहला कदम है, लेकिन यह पर्याप्त कदम नहीं है."

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चिदंबरम ने ज़ोर देकर कहा कि सरकार को अब जीएसटी कानूनों को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा, "ये दो बहुत ही जटिल कानून हैं, इन्हें लागू करना बोझिल है और इनका पालन करना बेहद मुश्किल है. आज कोई भी पेशेवर मदद के बिना फॉर्म नहीं भर सकता और छोटे शहरों में भी पेशेवर लोग तेज़ी से बढ़ रहे हैं. हर दुकानदार, हर व्यापारी को एक पेशेवर को नियुक्त करना ही पड़ता है, चाहे उसका टर्नओवर दस लाख या बीस लाख ही क्यों न हो."

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चिदंबरम ने जीएसटी नियमों के लागू होने के तरीके की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा, "जीएसटी कानूनों को जिस तरह से लागू किया जाता है, वह डरावना है." उन्होंने उस व्यवस्था के खिलाफ चेतावनी दी जिसमें छोटे व्यापारी परेशान महसूस करते हैं.

उन्होंने जीएसटी कानूनों को लागू करने के तरीके की तुलना प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए कानून को लागू करने के तरीके से की.

उन्होंने पूछा, "आपको इसे (जीएसटी) व्यापारियों और विक्रेताओं के मुताबिक कानून बनाना होगा. आप लोगों को जेल की सज़ा नहीं दे सकते, आप अपने अधिकारियों को बेकाबू होकर लोगों को गिरफ़्तार करने की इजाज़त नहीं दे सकते. यह एक नागरिक कानून है, यह एक कर कानून है. अगर कोई अनजाने में या जानबूझकर कर उल्लंघन करता है, तो आपको उसे नागरिक दंड देना होगा. आप उसे जेल में क्यों डाल रहे हैं?"

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हालांकि चिदंबरम ने माना कि जीएसटी 2.0 सही दिशा में एक कदम है, उनका संदेश साफ था: अनुपालन को आसान और प्रशासन को ज्यादा निष्पक्ष बनाए बिना, ये सुधार मांग, निवेश और विकास को बढ़ावा देने के अपने वादे पर खरे नहीं उतरेंगे.

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