केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को 'स्वच्छता सर्वेक्षण 2023' के परिणामों की घोषणा की. इसमें मुंबई की रैंकिंग 31 से गिरकर 37वें पायदान पर आ गई है. साफ-सफाई के मामले में दिल्ली नगर निगम (MCD) को देशभर के 446 शहरी निकायों में 90वां स्थान मिला. यह पहली बार है जब एमसीडी ने केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लिया. क्योंकि पहले दिल्ली में तीन नगर निगम हुआ करते थे, जिन्हें 2022 में एकीकृत करके दिल्ली नगर निगम बनाया गया.
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) को 446 शहरी स्थानीय निकायों में 7वां स्थान मिला, जबकि दिल्ली कैंट को कैंटोनमेंट बोर्ड कैटेगरी में 7वां स्थान प्राप्त हुआ. स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में महू कैंट को देशभर के कैंटोनमेंट बोर्ड में पहला स्थान मिला है. क्लीनीनेस सर्वे में खराब प्रदर्शन के बाद बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (BMC) ने वादा किया कि हाल ही में शुरू किए गए गहन सफाई अभियान और अन्य प्रयासों के दम पर मुंबई शहर अगले साल जरूर बेहतर प्रदर्शन करेगा.
मुंबई का पड़ोसी नवी मुंबई देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर
नई दिल्ली में एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में 'स्वच्छता सर्वेक्षण 2023' के परिणाम घोषित किए गए. मुंबई के पड़ोसी नवी मुंबई को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया. नवी मुंबई 2022 में भी तीसरे स्थान पर था. लगभग 12 मिलियन की अनुमानित आबादी वाले मुंबई ने मिलियन प्लस शहरों की श्रेणी में 37वीं रैंक हासिल की, जो पिछले सर्वेक्षण में 31 थी. पुणे को 10वां स्थान मिला. स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में ठाणे को 14वां स्थान दिया गया, जो 2022 में 13वें स्थान पर था. जबकि कल्याण-डोंबिवली ने 22वां स्थान हासिल किया, जो पिछले सर्वेक्षण में 24वें पायदान पर था.
इंदौर ने लगातार 7वीं बार जीता सबसे साफ शहर का खिताब
इंदौर ने लगातार सातवीं बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता, जबकि सूरत केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष रैंक के लिए संयुक्त विजेता बना. एक लाख से अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में नवी मुंबई, ग्रेटर विशाखापत्तनम, भोपाल, विजयवाड़ा, नई दिल्ली, तिरूपति, ग्रेटर हैदराबाद और पुणे शामिल हैं. पश्चिम बंगाल के तीन शहर - मध्यमग्राम (444वीं रैंक), कल्याणी (445वीं रैंक) और हाओरा (446वीं रैंक) - सबसे निचली रैंकिंग पर रहे. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों' की श्रेणी में, महाराष्ट्र को देश में सबसे स्वच्छ राज्य का तमगा हासिल हुआ, उसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को स्थान रहा.
महाराष्ट्र देश का सबसे स्वच्छ राज्य, एमपी दूसरे स्थान पर रहा
पिछले वार्षिक सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश को सबसे स्वच्छ राज्य का खिताब मिला था. सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, एक लाख से कम आबादी वाले 3,970 शहरों में से महाराष्ट्र के सासवड को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. छत्तीसगढ़ के पाटन और पुणे जिले के हिल स्टेशन लोनावाला को क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान मिला, जबकि नागालैंड का पुंगरो शहर इस श्रेणी में अंतिम स्थान पर रहा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने समारोह में विजेताओं को पुरस्कार दिए, जिसमें केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे. आंकड़ों के अनुसार, 4,477 शहरी निकायों ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में भाग लिया और 12 बिंदुओं पर नागरिकों से प्रतिक्रियाएं प्राप्त की गईं.
'वेस्ट को वेल्थ' में बदलने पर था स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का फोकस
इस सर्वेक्षण में 92,720 म्युनिसिपल वार्ड, 61 कैंटोनमेंट बोर्ड, 88 गंगा सिटी और 18,980 कर्मशियल जोन शामिल हुए. केंद्र सरकार का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 का फोकस 'वेस्ट को वेल्थ' में बदलने पर था. इसका मूल्यांकन करने के लिए 3,000 से अधिक एग्जामिनर्स की एक टीम बनाई गई थी. इस समारोह के दौरान 110 पुरस्कार प्रदान किये गये. इवैलुएशन पैरामीटर्स में डोर टूर डोर वेस्ट कलेक्शन, वेस्ट प्रोसेसिंग और डिस्पोजल और सफाई कर्मियों की सुरक्षा को 51 प्रतिशत वेटेज, सर्टिफिकेशन (ओडीएफ और अन्य चीजें) को 26 प्रतिशत और नागरिकों के फीडबैक को 23 प्रतिशत वेटेज दिया गया.