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जगन्नाथ रथयात्रा में शामिल होने दीघा पहुंचीं ममता बनर्जी, समुद्र किनारे बंदर को बिस्किट खिलती आईं नजर

ममता बनर्जी ने गुरुवार को अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आयोग ने जुलाई 1987 से दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाताओं से माता-पिता के जन्म प्रमाणपत्र मांगने की बात कही है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि यह एनआरसी को पिछले दरवाजे से लागू करने की चाल है.

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ममता बनर्जी का ये फोटो वायरल हो रहा है
ममता बनर्जी का ये फोटो वायरल हो रहा है

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिलहाल दीघा में हैं, जहां वह नवनिर्मित भगवान जगन्नाथ मंदिर से शुक्रवार को निकलने वाली रथयात्रा की तैयारियों की निगरानी कर रही हैं. इस दौरान एक दिलचस्प पल गुरुवार को कैमरे में कैद हो गया, जब उन्होंने दीघा के समुद्र तट (प्रोमेनेड) पर एक बंदर को अपने हाथों से बिस्किट खिलाए. इसका फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

इस बीच ममता बनर्जी ने गुरुवार को अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आयोग ने जुलाई 1987 से दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाताओं से माता-पिता के जन्म प्रमाणपत्र मांगने की बात कही है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि यह एनआरसी को पिछले दरवाजे से लागू करने की चाल है.

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी की कठपुतली की तरह काम कर रहा है और यह प्रक्रिया विशेष रूप से बंगाल के प्रवासी मजदूरों, छात्रों और ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को टारगेट करने के लिए बनाई गई है. यह सिर्फ एनआरसी नहीं, उससे भी ज्यादा खतरनाक साजिश है. यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है और विपक्षी दलों को इस पर तत्काल एकजुट होकर विरोध करना चाहिए.

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ममता ने यह भी दावा किया कि अगर इस तरह के फॉर्म और दस्तावेज़ी मांगे लोगों पर थोपी गईं, तो आम नागरिकों का वोटिंग अधिकार छीना जा सकता है. लोग जागरूक रहें, वरना अगली बार वोटर लिस्ट से नाम गायब हो सकता है और डिटेंशन कैंप उनका इंतज़ार कर रहा होगा. इस बयान के साथ उन्होंने ये भी कहा कि TMC जल्द ही सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेगी.

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