असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गायक जुबीन गर्ग की मौत के मामले में बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि नॉर्थईस्ट फेस्ट के आयोजक और जुबीन गर्ग के मैनेजर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. सीएम ने कहा कि जांच एजेंसियां मामले की गहन पड़ताल कर रही हैं और जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. जुबीन गर्ग के अचानक निधन से पूरे असम और पूर्वोत्तर में शोक की लहर है.
हाल ही में गुवाहाटी के दतलपारा क्षेत्र में गायक जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के घर SIT ने तलाशी अभियान चलाया था. CID की टीम परिसर में पहुंची और करीब दो घंटे तक तीन मंजिला इमारत के बाहर तैनात रही थी. इसके बाद अधिकारियों ने फ्लैट नंबर 3A में प्रवेश किया. इस 3BHK फ्लैट में सिद्धार्थ शर्मा अपने परिवार के साथ वर्ष 2019 से रह रहे हैं. तलाशी अभियान मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुआ और करीब एक घंटे तक चला.
छापेमारी की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में जुबीन गर्ग के प्रशंसक वहां पहुंच गए और SIT की कार्रवाई पर नाराजगी जताई. हालात बिगड़ने से रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर बुलाया गया.
फैन्स का गुस्सा बढ़ता देख पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की और सहयोग की अपील की. भीड़ के कारण इलाके में ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई, जिसे संभालने के लिए ट्रैफिक पुलिस को तैनात करना पड़ा. फिलहाल SIT ने इस छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
क्या होता लुकआउट नोटिस?
लुकआउट नोटिस एक कानूनी प्रक्रिया है जिसे पुलिस या जांच एजेंसियां तब जारी करती हैं जब किसी आरोपी, संदिग्ध या फरार व्यक्ति के देश से भागने की आशंका होती है. इसे एयरपोर्ट, सी-पोर्ट और अन्य बॉर्डर चेकप्वाइंट्स पर मौजूद इमीग्रेशन अधिकारियों को भेजा जाता है, ताकि जैसे ही नोटिस में दर्ज व्यक्ति विदेश जाने की कोशिश करे, उसे तुरंत रोका जा सके और संबंधित एजेंसी को सूचित किया जा सके.
लुकआउट नोटिस आमतौर पर गंभीर अपराधों जैसे हत्या, आतंकवाद, आर्थिक घोटाले, धोखाधड़ी, बलात्कार या नक्सल गतिविधियों के मामलों में जारी किया जाता है. इसका उद्देश्य आरोपी को देश से बाहर भागने से रोकना और जांच या कानूनी कार्रवाई में उसकी मौजूदगी सुनिश्चित करना होता है.