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सोशल मीडिया पर दोस्ती, फिर ब्रेनवॉश का खेल... स्लीपर सेल नेटवर्क खड़ा कर रहा था आतंकी उमर

लाल किले के पास ब्लास्ट करने वाले आतंकी उमर की मोबाइल जांच में पता चला है कि वह सोशल मीडिया पर लोगों से दोस्ती कर उन्हें जैश-ए-मोहम्मद की विचारधारा के लिए ब्रेनवॉश करता था और बड़ा स्लीपर सेल नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश में लगा था. हरियाणा तक कई लोगों को रेडिकलाइज करने की उसकी कोशिशें सामने आई हैं.

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उमर हरियाणा में कई लोगों को रेडिकलाइज कर बड़ा स्लीपर सेल नेटवर्क बनाना चाहता था. (Photo: AP)
उमर हरियाणा में कई लोगों को रेडिकलाइज कर बड़ा स्लीपर सेल नेटवर्क बनाना चाहता था. (Photo: AP)

लाल किले के पास ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंकी उमर के मोबाइल फोन की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. उसके फोन से पता चला है कि वह सोशल मीडिया पर नए लोगों से दोस्ती कर उन्हें ब्रेनवॉश करता था और जैश-ए-मोहम्मद की विचारधारा की तरफ धकेलता था. 

जैश का बड़ा स्लीपर सेल नेटवर्क खड़ा करने का मकसद

एजेंसी को ऐसे कई लोगों की जानकारी मिली है जिनसे उमर लगातार संपर्क में था और उन्हें रेडिकलाइज करने की कोशिश कर रहा था. जांच में यह भी सामने आया कि उमर जैश का बड़ा स्लीपर सेल नेटवर्क खड़ा करने की फिराक में था. वह हरियाणा में कई लोगों का ब्रेनवॉश कर उन्हें अपने साथ मिलाने की कोशिश कर रहा था.

फरारी के दौरान दो मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था उमर

जांच में पता चला है कि फरारी के दौरान उमर मोहम्मद दो मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था. फरीदाबाद की एक मोबाइल शॉप की 30 तारीख वाली CCTV फुटेज में उमर साफ-साफ दिख रहा है. फुटेज में उमर एक बैग लेकर दुकान में आता है. फिर बैग से एक मोबाइल फोन निकालकर दुकानदार को देता है, जबकि दूसरा फोन उसके हाथ में नजर आ रहा है.

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दिल्ली में घुसने से पहले दोनों मोबाइलों को ठिकाने लगाया

CCTV में यह भी दिखता है कि फोन चार्जिंग के दौरान उमर बेचैन और घबराया हुआ था. इन फुटेज से साफ होता है कि उमर के पास फरारी के समय दो मोबाइल फोन थे, लेकिन 10 तारीख को दिल्ली में घुसने से पहले उसने दोनों फोन ठिकाने लगा दिए. यही वजह रही कि लाल किला ब्लास्ट के समय उसके पास कोई मोबाइल नहीं मिला.

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