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'सत्ता के नशे में बीजेपी दबा रही लोगों की आवाज', लद्दाख हिंसा पर केजरीवाल का केंद्र सरकार पर वार

लेह में 'शांतिपूर्ण बंद' हिंसा में बदल गया, जिसमें चार की मौत और 70 से ज़्यादा लोग घायल हुए. पुलिस ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर और वाहनों में आग लगा दी. सोनम वांगचुक ने शांति की अपील की, जबकि केजरीवाल और वाम दलों ने केंद्र सरकार को घेरा.

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केजरीवाल ने कहा- लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए (File Photo: ITG)
केजरीवाल ने कहा- लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए (File Photo: ITG)

लेह में बुधवार को एक 'शांतिपूर्ण बंद' के हिंसक झड़पों में बदल जाने से चार लोगों की मौत हो गई और 40 सुरक्षाकर्मियों सहित 70 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. पुलिस ने अब तक विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में 50 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह हिंसा राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने सहित संवैधानिक सुरक्षा उपायों की बढ़ती मांग के बीच भड़की. 

हिंसा भड़कने के बाद आगजनी की भी खबरें सामने आई हैं. बीजेपी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया. जैसे ही वाहनों और बीजेपी कार्यालय में आग लगी, राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं. 

वामपंथी दलों ने आग के लिए मोदी सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया, जबकि एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने शांति की अपील करते हुए अपनी 15 दिन पुरानी भूख हड़ताल खत्म कर दी है.

'लद्दाख का साथ देना चाहिए...'

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त की है. उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा, "आज लद्दाख में जो हो रहा है, वो बेहद चिंताजनक है. हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए. हमने अंग्रेज़ों से इसलिए आज़ादी थोड़ी ली थी कि जनता अंग्रेज़ों की बजाय बीजेपी की गुलाम बन जाए."

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उन्होंने आगे कहा कि भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए अपना बलिदान दिया था, जिससे हर भारतीय को अपनी खुद की सरकार चुनने का अधिकार मिले. लेकिन आज बीजेपी सत्ता के नशे में चूर होकर एक के बाद एक राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बना रही है, संविधान द्वारा दिए गए अधिकार छीन रही है.

केजरीवाल ने आगे कहा कि लद्दाख के लोग क्या मांग रहे हैं? वो सिर्फ़ अपने वोट का अधिकार, सरकार चुनने का अधिकार मांग रहे हैं. लेकिन बीजेपी उनकी आवाज़ दबा रही है. बार-बार वादा कर के भी उन्हें वोट का अधिकार नहीं दे रही.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, "लोकतंत्र जनता की आवाज़ है और जब सरकार वही आवाज़ दबाने लगे तो जनता का ये कर्तव्य है कि वह और बुलंद आवाज़ में बोले. देश के लोकतंत्र को बचाना है तो इस तानाशाही के ख़िलाफ़ अब चुप नहीं बैठा जा सकता. आज लद्दाख की लड़ाई, कल पूरे देश की लड़ाई बन सकती है."

यह भी पढ़ें: लेह में कर्फ्यू से सन्नाटा, इंटरनेट स्पीड पर भी ब्रेक, 50 गिरफ्तार, सड़कों पर पुलिस और CRPF जवानों का पहरा

लेफ्ट ने बीजेपी पर लगाया आरोप...

सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन सहित वामपंथी दलों ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर लोकतांत्रिक मांगों की निरंतर उपेक्षा और दमन के जरिए संकट को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. सीपीआई (एम) नेता एम ए बेबी ने बीजेपी पर लेह और त्रिपुरा के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि हिंसा लोगों की हताशा का सीधा परिणाम है.

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हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि राजनीतिक पार्टी कार्यालयों पर हमला करना कोई समाधान नहीं है. सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ने एक कड़ा बयान जारी कर केंद्र पर संघवाद को रौंदने और 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से लद्दाख निवासियों को उनके अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया. पार्टी ने कहा कि प्रोटेस्ट संवैधानिक गारंटियों की अवहेलना और इलाके में लोकतांत्रिक संरचनाओं के विघटन का नतीजा है.

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