कोलकाता में 23 सितंबर की बारिश के दौरान हुई बिजली हादसों में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा कोलकाता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉर्पोरेशन (CESC) ने की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही निजी एजेंसी को जिम्मेदार ठहराते हुए पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता देने को कहा था. CESC के वितरण विभाग के कार्यकारी निदेशक अभिजीत घोष ने कहा कि कंपनी प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देगी.
कोलकाता उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वे पानी से भरे क्षेत्रों में बिजली से मरने वाले नौ लोगों के लिए मुआवजा दें.
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जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस अपूर्वा सिन्हा रॉय की डिवीजन बेंच ने CESC और कोलकाता नगर निगम (KMC) को 9 नवंबर तक यह रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया कि उन्होंने अब तक क्या कदम उठाए हैं. यह आदेश दो वकीलों के संगठनों द्वारा एक्टिंग चीफ जस्टिस सौमेन सेन को भेजी गई स्वतः संज्ञान याचिका पर आधारित है.
ममता बनर्जी ने 5 लाख के मुआवजे का ऐलान किया
ममता बनर्जी पहले ही हर मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा कर चुकी हैं. पश्चिम बंगाल में कुल मृतकों की संख्या 9 है, जिनमें 8 की मौत कोलकाता शहर में और 1 की मौत शहर के बाहर हुई.
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CESC ने अपनी जांच के बाद क्या कहा?
CESC ने अपनी जांच में आठ मामलों में से पांच की मौत घर या फैक्ट्री के खराब वायरिंग के कारण हुई बताई. बाकी तीन मामले बाहर हुए, जिनमें दो की मौत स्ट्रीट लाइट पोल को छूने से हुई, जो आमतौर पर CESC के अधीन नहीं आते. कंपनी का कहना था कि एक अन्य मौत ट्रैफिक सिग्नल के पास स्थित एक कियोस्क के कारण हुई थी.