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Ground Report: बारिश में करंट की चपेट में आया साइकिल सवार, इकलौते कमाऊ सदस्य की मौत से सदमे में कोलकाता का परिवार

कोलकाता में भारी बारिश के बीच जलजमाव और करंट की चपेट में आने से मौत की आठ घटनाएं हुई हैं. एक मौत एक जिले में हुई है. इन घटनाओं को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और निजी बिजली कंपनी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है.

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मृतक अपने घर में अकेला कमाने वाला था. (Photo: Representational)
मृतक अपने घर में अकेला कमाने वाला था. (Photo: Representational)

कोलकाता के 53 वर्षीय रामगोपाल पंडित पेशे से ड्राइवर थे. भारी बारिश और आसपास के इलाकों में जलजमाव के बीच रामगोपाल साइकिल से अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए निकले थे. इलाके में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए पड़ोस में भी कई लोगों ने कहीं नहीं जाने की सलाह दी, लेकिन रामगोपाल साइकिल से अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए निकल पड़े. निकलते समय परिजनों से जल्द आने की बात कही, लेकिन यह उनका अंतिम सफर साबित हुआ.

रामगोपाल घर लौटे तो, लेकिन पन्नी से ढंककर. कोलकाता के कालिकापुर इलाके में रहने वाले रामगोपाल परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. उनके निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. परिवार की जिम्मेदारी अब रामगोपाल की छोटी बेटी मौमिता पंडित के कंधों पर आ गई है. इस हादसे से परिवार सदमे में है. घटना मंगलवार यानी 23 सितंबर के दिन सुबह के समय की है. जानकारी के मुताबिक जलजमाव वाले रास्ते से गुजरते समय रामगोपाल संतुलन खो बैठे.

साइकिल चलाते हुए असंतुलित हुए रामगोपाल ने सहारे के लिए बिजली के पोल को पकड़ लिया और करंट की चपेट में आ गए. बेहोशी की हालत में पुलिसकर्मी उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया. रामगोपाल पंडित की बेटी मौमिता ने आजतक से बताया कि पोल पर कई खुले तार खतरनाक तरीके से लटक रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि CESC या राज्य सरकार, किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है.

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सीएम ने बिजली कंपनी को बताया जिम्मेदार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना के लिए प्राइवेट सेक्टर की बिजली कंपनी CESC को जिम्मेदार बताया है. वहीं, CESC ने कहा है कि ये स्ट्रीट पोल और ट्रैफिक लाइट्स हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आते. राज्य सरकार और बिजली कंपनी के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच मृतक का असहाय महसूस कर रहा है. मौमिता ने कहा कि न तो बिजली कंपनी, ना ही राज्य सरकार की ओर से मुआवजे की पेशकश की गई है. उन्होंने सड़कों पर खुले तार की वजह से आम लोगों की जान खतरे में होने का जिक्र करते हुए सरकार से तुरंत कार्रवाई की अपील भी की, जिससे और लोगों की जान न जाए.

बिजली कंपनी का भी आया बयान

मौमिता ने यह भी कहा कि मुआवजा कभी भी पिता की जगह नहीं ले सकता. इस दर्द को केवल वही समझ सकता है, जिस परिवार ने अपना सदस्य खोया है. भारी बारिश और जलजमाव के बीच करंट से जान गंवाने की घटनाओं पर CESC का भी बयान आया है. CESC के कार्यकारी निदेशक अभिजीत घोष ने कहा है कि हमने आंतरिक जांच की है. आठ में से पांच मौतें उपभोक्ता की अपनी इंस्टॉलेशन में हुईं, दो स्ट्रीट पोल उनके नियंत्रण में नहीं थे, और एक ट्रैफिक सिग्नल कियॉस्क उनका नहीं था. उन्होंने मौत की घटनाओं पर दुख व्यक्त किया है.

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बारिश-जलजमाव से नौ की मौत

भारी बारिश और जलजमाव के कारण कोलकाता शहर में आठ लोगों की मौत हुई है, जबकि एक मौत एक जिले में हुई.

पवन घरामी (34)- कोलकाता के मिंटो पार्क इलाके के निहारिका होटल में सिक्योरिटी स्टाफ, इन्वर्टर चालू करते समय करंट की चपेट में आए.

जितेंद्र सिंह (60)- कोलकाता के इकबालपुर इलाके में घर के पास जमा पानी में शव तैरता मिला.

फिरोज अली खान (50)- कोलकाता के बेनियापुकुर इलाके में जमा पानी में तैरता शव मिला.

रामगोपाल पंडित (53)- कोलकाता के कालिकापुर इलाके में साइकिल चलाते हुए करंट की चपेट में आए.

प्रांतोस कुंडू (60)- कोलकाता के नेताजी नगर क्रॉसिंग इलाके में जमा पानी में तैरता शव मिला.

सुनील सूर्या (35)- बिहार निवासी सुनील का शव कोलकाता के बेहला इलाके में बंगाल पॉलिक्लेम इंडस्ट्री के समीप जमा पानी में तैरता मिला.

शुभा प्रमाणिक (25)- कोलकाता के हरिदेवपुर इलाके में स्थित यूनाइटेड ट्रेड एसोसिएशन वर्कशॉप में काम करते समय करंट की चपेट में आए.

संदीप गुहठाकुर्ता (60)- कोलकाता के बालीगंज इलाके में घर के पास ही जमा पानी में तैरता शव मिला.

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