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अयप्पा ग्लोबल समिट के पोस्टरों पर भगवान अयप्पा की फोटो गायब... विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रचार पोस्टरों और होर्डिंग्स पर केवल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी की तस्वीरें लगाई गई हैं, जबकि भगवान अयप्पा की तस्वीर ही नहीं है. वहीं कांग्रेस विधायक वीडी सतीसन ने भी पोस्टरों पर सवाल उठाए.

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कांग्रेस विधायक ने ने सरकार पर सबरीमला मंदिर की मूर्तियों के वजन में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया. (Photo- ITG)
कांग्रेस विधायक ने ने सरकार पर सबरीमला मंदिर की मूर्तियों के वजन में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया. (Photo- ITG)

केरल सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर है. कारण, राज्य में होने वाले ग्लोबल अयप्पा समिट के पोस्टरों से भगवान अयप्पा की तस्वीर गायब होने पर विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है. बीजेपी ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि जिन पोस्टरों पर अयप्पा और सबरीमला का प्रचार होना चाहिए था, वहां केवल मुख्यमंत्री और मंत्री की तस्वीरें हैं.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रचार पोस्टरों और होर्डिंग्स पर केवल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी की तस्वीरें लगाई गई हैं, जबकि भगवान अयप्पा की तस्वीर ही नहीं है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "चुनाव से चार महीने पहले वे अयप्पा संगम की बात करते हैं. भक्त बनना अच्छी बात है, लेकिन सच्चे मन से भक्ति होनी चाहिए. जिन पोस्टरों पर अयप्पा और सबरीमला का प्रचार होना चाहिए था, वहां केवल मुख्यमंत्री और मंत्री की तस्वीरें हैं. यह मजाक है."

वहीं कांग्रेस विधायक वीडी सतीसन ने भी पोस्टरों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ग्लोबल अयप्पा समिट के बोर्ड्स तिरुवनंतपुरम में लगे हैं. उनमें केवल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और देवस्वम मंत्री वीएन वासवन की तस्वीरें हैं. न तो देवस्वम बोर्ड अध्यक्ष हैं और न ही भगवान अयप्पा. अयप्पा संगम में अयप्पा ही नहीं है.

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सोने की चोरी का मुद्दा भी उठा

सतीसन ने सरकार और देवस्वम बोर्ड पर सबरीमला मंदिर की मूर्तियों के वजन में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, "करीब 4 किलो सोना गायब हो गया और इसकी जानकारी हाईकोर्ट को भी नहीं दी गई. सरकार और देवस्वम बोर्ड में बैठे लोग ही इस सोने को लूट चुके हैं. और अब ये लोग अयप्पा समिट आयोजित कर रहे हैं. पहले भक्तों और जनता को बताएं कि सोना कहां गया. यह पूरी तरह से नैतिक जिम्मेदारी है."

विपक्ष का कहना है कि अयप्पा समिट का आयोजन असल मुद्दों से ध्यान भटकाने और घोटालों को छिपाने के लिए किया जा रहा है.

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