ओडिशा के कटक में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प के बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. राज्य सरकार ने रविवार रात कटक के 13 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा (बीएनएसएस की धारा 163) लागू कर दी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं. कटक के पुलिस कमिश्नर एस देव दत्ता सिंह ने कहा कि ये आदेश अगले 36 घंटे तक प्रभावी रहेंगे.
उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि दरगाह बाजार, मंगलाबाग, छावनी, पुरीघाट, लालबाग, बिदानासी, मरकट नगर, सीडीए फेज-2, मालगोदाम, बादामबाड़ी, जगतपुर, बयालिस मौजा और सदर थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू रहेगी. इस बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जिला प्रशासन पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया है और आज 12 घंटे के कटक बंद की घोषणा की है.
प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुईं झड़पें
कटक के दरगाहबाजार इलाके में हाथी पोखरी के पास शनिवार और रविवार की दरमियानी रात करीब 1:30 से 2 बजे के बीच हिंसा भड़क उठी, जब एक दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस कथाजोड़ी नदी के किनारे देबिगारा की ओर बढ़ रहा था. पुलिस के अनुसार, तनाव तब शुरू हुआ जब कुछ स्थानीय लोगों ने जुलूस के दौरान तेज आवाज में बज रहे म्यूजिक पर आपत्ति जताई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो समुदायों के बीच वाद-विवाद जल्द ही टकराव में बदल गया, जब भीड़ ने जुलूस पर छतों से पत्थर और कांच की बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं.
इस पथराव में जुलूस में शामिल कई लोग और कटक के डीसीपी ऋषिकेश ज्ञानदेव सहित अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए. उपद्रवियों ने कई वाहनों और सड़क किनारे लगे स्टॉल में तोड़फोड़ की. प्रतिमा विसर्जन लगभग तीन घंटे तक रोकना पड़ा, फिर प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार सुबह 9.30 बजे सभी मूर्तियों का विसर्जन शुरू कराया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया.
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बाइक रैली में झड़प के बाद तनाव और बढ़ा
पुलिस ने बताया कि तनाव तब और बढ़ गया जब एक समूह ने शहर में बाइक रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी, लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. कटक के पुलिस कमिश्नर डॉ. सुरेश देवदत्त सिंह ने कहा, 'कटक में एक संगठन ने बाइक रैली निकालने की परमिशन मांगी थी, लेकिन सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका के कारण अनुमति नहीं दी गई. जब पुलिस ने आदेश लागू किया, तो झड़पें शुरू हो गईं और पथराव में 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए. बाद में बल प्रयोग करके भीड़ को तितर-बितर किया गया.'
कमिश्नर सुरेश देवदत्त सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि विसर्जन से जुड़ी हिंसा में घायल हुए 4 लोगों में से एक की मौत हो गई है. उन्होंने आगे कहा, 'ये अफवाहें हैं, चारों को मामूली चोटें आई थीं. तीन को अस्पताल ने प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत छुट्टी दे दी, एक का इलाज अब भी जारी है. जो लोग गलत सूचना फैला रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने और तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए कटक के कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है.
विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
अलग-अलग दुर्गा पूजा समितियों के सदस्यों ने प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर पथराव में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर रविवार को प्रदर्शन किया. विहिप ने इस अशांति के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए डीसीपी और जिला कलेक्टर, दोनों के तबादले की मांग की. विहिप के एक प्रवक्ता ने 6 अक्टूबर को कटक शहर में सुबह से शाम तक बंद की घोषणा करते हुए कहा, 'बार-बार अनुरोध के बावजूद अधिकारी शांतिपूर्ण विसर्जन सुनिश्चित करने में विफल रहे.'
बीजू जनता दल (BJD) ने हिंसा की निंदा की और असामाजिक तत्वों को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने का दोषी ठहराया. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया और अधिकारियों को घायलों को मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
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बीजद सांसद सुलता देव ने कहा, 'कटक भाईचारे का शहर है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई हमेशा से सद्भाव से रहते आए हैं. जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सरकार न तो कानून-व्यवस्था संभाल सकती है और न ही महिलाओं की सुरक्षा कर सकती है. जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, ओडिश में अपराध दर में वृद्धि हुई है.'
सीएम मोहन चरण मांझी ने की शांति की अपील
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया और शांति की अपील की. उन्होंने कहा, 'कटक शहर भाईचारे की एक अनूठी मिसाल है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कुछ उपद्रवियों के कारण शहर में शांति भंग हो रही है और आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है. सरकार ऐसे तत्वों पर नजर रख रही है और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मैंने पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों की निरंतर निगरानी करने का निर्देश दिया है.'
आगजनी की घटनाएं और पुलिस बल की तैनाती
कटक फायर सर्विस डिपार्टमेंट के असिस्टेंट फायर ऑफिसर संजीव कुमार बेहरा ने पुष्टि की कि दंगाइयों ने गौरीशंकर पार्क के पास कई जगहों पर आगजनी की. उन्होंने कहा, 'हमें सूचना मिली थी कि दंगाइयों ने 8-10 जगहों पर आग लगा दी है. हमने आग बुझा दी, लेकिन वे हम पर पत्थर फेंक रहे थे. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल की तैनात की गई है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कड़ी नजर रख रहे हैं ताकि स्थिति और न बिगड़े.'
इंटरनेट बंद और 13 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू
ओडिशा गृह विभाग ने 5 अक्टूबर की शाम 7 बजे से 6 अक्टूबर की शाम 7 बजे तक कटक शहर में व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और अन्य प्लेटफार्मों सहित सभी इंटरनेट और डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया. अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यब्रत साहू की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि यह निर्णय भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5(2) और दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल/सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम 2(1) के तहत लिया गया है.
आदेश में कहा गया है, 'राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि असामाजिक तत्व इंटरनेट प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करके झूठे और भड़काऊ संदेश प्रसारित कर सकते हैं, जिससे सार्वजनिक शांति को खतरा हो सकता है. यह निलंबन कटक नगर निगम (सीएमसी) क्षेत्र, कटक विकास प्राधिकरण (सीडीए) क्षेत्र और 42 मौजा क्षेत्र में लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य अफवाहों को फैलने से रोकना और शांति बहाल करना है. अधिकारियों ने नई हिंसा को रोकने के लिए 13 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा भी लागू कर दी है, जिससे पुलिस को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है.'
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कटक पुलिस ने हिंसा और आगजनी के मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस उपद्रवियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज खंगाल रही है और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि हिंसा और आगजनी में शामिल उपद्रवियों की जल्द ही पहचान कर ली जाएगी. कटक प्रशासन ने विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आज बुलाए गए बंद के मद्देनजर शहरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है.