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इंदिरा सरकार के मंत्री, 4 बार MP... RSS के कार्यक्रम में जा रहे पूर्व कांग्रेसी अरविंद नेताम कौन हैं?

छत्तीसगढ़ के मजबूत आदिवासी अरविंद नेताम नागपुर में हैं. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होने संघ मुख्यालय पहुंचे हैं. चार बार के पूर्व सांसद अरविंद नेताम इंदिरा गांधी और नरसिम्हाराव की अगुवाई वाली केंद्र की सरकारों में मंत्री रहे हैं.

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अरविंद नेताम (फाइल फोटो)
अरविंद नेताम (फाइल फोटो)

आदिवासी बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेता अरविंद नेताम नागपुर में हैं. कभी कांग्रेस का कद्दावर आदिवासी चेहरा रहे नेताम नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रशिक्षण वर्ग के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. अरविंद नेताम संघ के प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित भी करेंगे. प्रशिक्षण वर्ग से ही संघ के प्रचारक निकलते हैं.

अरविंद नेताम ने आजतक से बात करते हुए कहा कि आश्चर्यचकित हूं कि संघ ने मुझे ऐसे महत्वपूर्ण आयोजन में आमंत्रित किया. इस मौके का उपयोग आदिवासी समाज से जुड़ी समस्याओं को उठाने के लिए करने जा रहा हूं. संघ, बीजेपी का मार्गदर्शक है और छत्तीसगढ़ में इसी पार्टी की सरकार है. उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी समाज और सरकार, रिमोट इलाकों में सक्रिय संघ से संबंधित संगठनों के बीच संवादहीनता की स्थिति है. इसकी वजह से अनावश्यक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं.

नेताम ने कहा कि इधर बीच राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, लेकिन ये सारे मुद्दे उठाएंगे. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण बड़ा मुद्दा है. यह बड़े स्तर पर हो रहा है. सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. अरविंद नेताम ने कहा कि मेरा समुदाय इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है और इस संबंध में संघ की मदद लेने जा रहा हूं, क्योंकि वह पूरे देश में इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. यह मुद्दा भी उठाएंगे. पेसा कानून को मजाक के तौर पर लिया जा रहा है.

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अरविंद नेताम ने कहा कि आदिवासियों की राय लिए बिना उनकी जमीनें उद्योगपतियों को दी जा रही हैं. इन सब मुद्दों पर संघ ही कुछ कर सकता है. अरविंद नेताम से पहले कभी कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शामिल रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी संघ के कार्यक्रम में शामिल होने नागपुर जा चुके हैं. सवाल है कि अरविंद नेताम कौन हैं, जो संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर पहुंचे हैं?

अरविंद नेताम कौन हैं?

छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी नेताओं में गिने जाने वाले अरविंद नेताम सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष हैं. वह लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में भी रहे हैं. अरविंद नेताम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) जैसी पार्टियों से भी सियासत कर चुके हैं. साल 2013 के राष्ट्रपति चुनाव में नेताम ने कांग्रेस में रहते हुए यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के खिलाफ खड़े आदिवासी समाज से आने वाले पीए संगमा का समर्थन किया था. नेताम के पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर संगमा का समर्थन करने के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था.

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इंदिरा और नरसिम्हा राव सरकार में रहे हैं मंत्री

मजबूत आदिवासी आवाज माने जाने वाले अरविंद नेताम 2018 के छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. चार बार के पूर्व सांसद हैं. वह 1980 से 1984 तक इंदिरा गांधी और 1991 से 1996 तक पीवी नरसिम्हा राव की अगुवाई वाली केंद्र की सरकारों में मंत्री भी रहे हैं. नेताम की गिनती इंदिरा और नरसिम्हा राव सरकार के मजबूत मंत्रियों में होती थी. 2023 के छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले उनका मोह कांग्रेस से फिर भंग हो गया और उन्होंने पार्टी छोड़ दी.

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बस्तर बेल्ट में मजबूत नेताम की पकड़

अरविंद नेताम की बस्तर और आसपास के आदिवासी बेल्ट में मजबूत पकड़ मानी जाती है. कांग्रेस छोड़ने के बाद वह सर्व आदिवासी समाज नाम से संगठन बनाकर आदिवासी बेल्ट में एक्टिव रहे. पेसा कानून और जल-जंगल-जमीन के मुद्दे उठाते रहे. बाद में उन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हमर राज पार्टी नाम से अपना दल बना लिया था.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव, दोनों ही चुनाव में कांग्रेस को कुछ सीटों पर डेंट किया था. संघ के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे नेताम के बीजेपी में शामिल होने के कयासों पर कांग्रेस ने दावा किया है कि इससपार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा. कांग्रेस प्रवक्ता सुशील शुक्ला ने कहा कि नेताम बड़े आदिवासी नेता हैं, लेकिन आदिवासी समाज संघकी मंशा से वाकिफ है. नेताम अगर उनके साथ जुड़ते हैं तो बस्तर में उनकी जमीन खिसक जाएगी. वहीं, बीजेपी संघ के आयोजन में नेताम को निमंत्रण हर वर्ग के साथ मिलकर जनकल्याण के लिए काम करने की सोच से जुड़ा बता रही है.

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क्या कहते हैं जानकार

राजनीतिक विश्लेषक सुनील कुमार ने कहा कि नेताम अब कांग्रेस में नहीं हैं और फिर भी पार्टी उनपर हमलावर है. यह उनके (नेताम के) साथ उचित नहीं है. कांग्रेस वास्तविक मुद्दों की तलाश की जगह गैर राजनीतिक विषय को मुद्दा बनाने की कोशिश में समय बर्बाद कर रही है. पार्टी को यह नहीं भूलना चाहिए कि नेताम बीजेपी में भी रहे हैं. उन्होंने नेताम के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने जाने को अच्छा कदम बताते हुए कहा कि संघ के साथ विचारधारा के स्तर पर असहमति हो सकती है, लेकिन पूर्वोत्तर समेत देशभर में इसके फ्रंटल संगठन काम कर रहे हैं. इस मजबूत संगठन के लाखों कार्यकर्ता हैं और नेताम आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को संघ के मंच पर मजबूती से उठाएंगे.

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