केंद्र सरकार द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर लाए गए नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस कानून के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की बेंच में सुनवाई की मांग की गई.
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने अदालत से कहा कि कोर्ट ने पूर्व में इस मामले को तुरंत सुनवाई के लिए उपयुक्त माना था, इसलिए वे एक बार फिर इसे तत्काल सुनवाई के लिए पेश कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट मामले पर 14 मई को सुनवाई करेगा
जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि आज इस मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती, क्योंकि यह मामला दो जजों की बेंच द्वारा सुना जा रहा है, जबकि आज तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है.
प्रशांत भूषण ने अपील की कि इस मामले को अगले हफ्ते सुना जाए और सुनवाई की तारीख जल्द से जल्द तय की जाए. इस पर कोर्ट ने 14 मई को दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई का समय निर्धारित कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में केंद्र ने किया था बदलाव
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए पहले एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए गठित समिति में प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता को शामिल करने की बात कही गई थी. बाद में केंद्र सरकार ने एक नया कानून पारित करके इस समिति से मुख्य न्यायाधीश को हटाकर प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त एक कैबिनेट मंत्री को शामिल कर दिया.
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इस बदलाव ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार की भूमिका को और बढ़ा दिया है, जिसे न्यायिक जांच के लिए पेश किया गया है.