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लालू यादव के करीबी अमित कात्याल पर ED का एक्शन, जब्त की 113 करोड़ की संपत्ति

प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि अमित कात्याल, क्रिश रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड और ब्रह्मा सिटी प्राइवेट लिमिटेड के मामले में 113.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने के लिए 6 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया था.

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अमित कात्याल की 113 करोड़ की संपत्ति ईडी ने कुर्क कर दी है
अमित कात्याल की 113 करोड़ की संपत्ति ईडी ने कुर्क कर दी है

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कथित करीबी सहयोगी अमित कात्याल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. जांच एजेंसी ने बताया कि अमित कात्याल की गुरुग्राम में 70 एकड़ जमीन और फ्लैट, मुंबई में कुछ आवासीय इकाइयां, दिल्ली में एक फार्महाउस और उनकी रियल्टी कंपनियों की फिक्स डिपोजिट एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जब्त कर ली. केंद्रीय एजेंसी की जांच टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (डीटीसीपी) से कोई लाइसेंस लिए बिना प्रमोटरों और उनकी कंपनियों द्वारा प्लॉट खरीदारों के पैसे को गैरकानूनी तरीके से इधर-उधर करने से संबंधित है.

पीटीआई के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि अमित कात्याल, क्रिश रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड और ब्रह्मा सिटी प्राइवेट लिमिटेड के मामले में 113.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने के लिए 6 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया था. 

बता दें कि कात्याल को पिछले साल केंद्रीय एजेंसी ने रेलवे के कथित भूमि-के-लिए-नौकरी घोटाले से संबंधित एक अलग धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सांसद बेटी मीसा भारती आदि शामिल हैं. कुर्क की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 63 और 65 (नांगली उमरपुर, उल्लावास, मैदावास के गांव) में 70 एकड़ जमीन, क्रिश प्रोविंस एस्टेट नामक एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में पांच फ्लैट और गुरुग्राम में क्रिश फ्लोरेंस एस्टेट में सात फ्लैट शामिल हैं, जो बेनामी निदेशकों के नाम पर हैं और मुंबई में एक बेनामी कंपनी के दो फ्लैट शामिल हैं.

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बता दें कि एजेंसी ने मार्च में इस मामले में तलाशी ली थी और दावा किया था कि उसने 200 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं, कथित तौर पर निवेशकों के पैसे का इस्तेमाल श्रीलंका और सेंट किट्स एंड नेविस में एक होटल-सह-लक्जरी रियल एस्टेट परियोजना में शेल कंपनियों के जरिए पासपोर्ट हासिल करने के लिए किया गया था, जिनका "लाभकारी" स्वामित्व कात्याल के बेटे कृष्ण कात्याल के पास था.

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला गुरुग्राम पुलिस और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से निकला है. इन एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि क्रिश रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड, ब्रह्मा सिटी प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड, राजेश कात्याल और अमित कात्याल ने भूखंडों के आवंटन की आड़ में निवेशकों को धोखा दिया, जिसके लिए कोई लाइसेंस नहीं था और आरोपियों ने आपराधिक षड्यंत्र, गलत बयानी, धोखाधड़ी और छल के माध्यम से ऐसे भूखंड खरीदारों के सैकड़ों करोड़ रुपये अवैध रूप से विदेश में भेज दिए.

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