बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के निलंबित सांसद कुंवर दानिश अली कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं. इसके साथ ही वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल होंगे.
दानिश अली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि आखिर वह क्यों राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज, मैंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का फैसला कर लिया है. यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण पल है. मैं बहुत गहन चिंतन के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है. देश की मौजूदा स्थिति को देखकर मेरे पास दो विकल्प थे.
Either to accept the status quo and ignore the exploitation of Dalits, backwards, tribals, minorities and other marginalised and poor sections, or to launch an all-out campaign against this atmosphere of fear, hate, exploitation and the deepening divide in the country. 2/7
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) January 14, 2024
उन्होंने कहा कि या तो मैं देश की मौजूदा यथास्थिति को स्वीकार कर लूं और दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और अन्य वंचित वर्गों के उत्पीड़न को नजरअंदाज कर दूं या फिर इस डर, नफरत, उत्पीड़न और विभाजन के माहौल के खिलाफ खड़ा हो जाऊं. मेरी अंतर्रात्मा ने मुझे दूसरा विकल्प चुनने को कहा. यह फैसला मेरे लिए स्वाभाविक था क्योंकि संसद में मुझ पर इसी तरह हमला हुआ था, जहां सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद ने मेरे और मेरे धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया.
बसपा ने सांसद दानिश अली को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था. वह बीएसपी के सस्पेंड सांसद हैं. वह 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर अमरोहा सीट से जीतकर सांसद बने थे.
क्या था दानिश अली-बिधूड़ी विवाद?
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में चंद्रयान-3 की चर्चा के दौरान बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजक शब्दों का प्रयोग किया था. विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि आखिर उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई क्यों नहीं करे? उन्हें पार्टी की अनुशासन समिति को 15 दिन में नोटिस का जवाब देना था.
वहीं, यह भी सामने आया था कि दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को चिट्टी लिखकर रमेश बिधूडी की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. कांग्रेस ने मांग की थी कि बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सूत्रों के मुताबिक,रमेश बिधूड़ी से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात की थी. रमेश बिधूड़ी के मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए रमेश बिधूडी को चेतावनी भी दी थी कि भाषा की मर्यादा का ध्यान रखें. बिधूड़ी के इस बयान की तमाम विपक्षी दलों ने आलोचना की थी.