भारत सरकार ने एक सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जो प्रमुख विदेशी सरकारों को हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष और इस मुद्दे पर भारत के रुख से अवगत कराने के लिए उन देशों का दौरा करेगा. इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर को भी शामिल किया गया है. संसदीय कार्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. नामित अन्य सदस्यों में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय कुमार झा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, राकांपा (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद श्रीकांत शिंदे शामिल हैं.
मजे की बात ये है कि इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए कांग्रेस ने अपने जिन 4 सांसदों के नाम सरकार को सुझाए थे, उनमें से किसी को नहीं चुना गया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के अनुसार, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 16 मई की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से फोन पर बात की थी और उनसे अनुरोध किया था कि वे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए चार नाम सुझाएं. कल 16 मई को दोपहर तक, लोक सभा में विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए. लेकिन केंद्र ने इन चारों को छोड़कर शशि थरूर पर विश्वास जताया.
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Yesterday morning, the Minister of Parliamentary Affairs Kiren Rijiju spoke with the Congress President and the Leader of the Opposition in the Lok Sabha. The INC was asked to submit names of 4 MPs for the delegations to be sent abroad to explain India's stance on terrorism from…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 17, 2025सम्बंधित ख़बरें
भारत सरकार का यह सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 23 मई से 10 दिवसीय राजनयिक मिशन पर रवाना होगा. वाशिंगटन, लंदन, अबू धाबी, प्रिटोरिया और टोक्यो जैसी प्रमुख राजधानियों का दौरा करके यह सर्वदलीय टीम आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी और ऑपरेशन सिंदूर के तहत हाल के घटनाक्रमों के बारे में विदेशी सरकारों को जानकारी देगी. बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में जैश, लश्कर और हिजबुल के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे.
राष्ट्रहित के कार्यों में कभी पीछे नहीं रहूंगा: शशि थरूर
केंद्र द्वारा गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्वकर्ता बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि वह 'सम्मानित' महसूस कर रहे हैं, तथा उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय हित की बात होगी तो वह किसी भी मामले में पीछे नहीं रहेंगे. उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं. जहां राष्ट्रीय हित शामिल हो और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा.' वहीं कांग्रेस द्वारा सुझाए गए नामों पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने सवाल उठाए हैं.
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I am honoured by the invitation of the government of India to lead an all-party delegation to five key capitals, to present our nation’s point of view on recent events.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 17, 2025
When national interest is involved, and my services are required, I will not be found wanting.
Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/b4Qjd12cN9
उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'कूटनीतिक बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस पार्टी का चयन न केवल दिलचस्प है, बल्कि यह बेहद संदिग्ध भी है. उदाहरण के लिए, भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए कांग्रेस ने सैयद नसीर हुसैन का नाम सुझाया. यह वाकई चौंकाने वाला है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह उनके समर्थक ही थे जिन्होंने राज्यसभा में उनकी जीत का जश्न मनाते हुए कर्नाटक विधानसभा के अंदर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे. बेंगलुरु पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और गवाहों की गवाही के आधार पर इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.'
मालवीय ने आगे लिखा, 'गौरव गोगोई के बारे में जितना कम कहा जाए उतना अच्छा है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गोगोई पर पाकिस्तान में 15 दिन बिताने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि गोगोई के सीमा पार आगमन और प्रस्थान को अटारी बॉर्डर पर आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया है. सरमा ने आगे दावा किया है कि गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न, भारत लौटने से पहले पहले सात दिनों तक उनके साथ इस्लामाबाद में थीं. भारत लौटने पर, गौरव गोगोई लगभग 90 युवाओं को पाकिस्तान दूतावास ले गए- कथित तौर पर उनमें से कई को पता नहीं था कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है.'
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भाजपा ने कांग्रेस द्वारा सुझाए नामों पर उठाए सवाल
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया है कि गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न ने पाकिस्तानी सेना के साथ संबंध बनाए रखे और पाकिस्तान से वेतन प्राप्त करती रहीं- जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों के टकराव पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे सांसदों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का भरोसा कैसे किया जा सकता है- खासकर पाकिस्तान से जुड़े मामलों में? कांग्रेस क्या संदेश देना चाह रही है, और वास्तव में किसके हित सध रहे हैं?' वहीं, केरल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा में प्रतिभावान नेता नहीं हैं, इसलिए उसे अपनी सरकार का पक्ष रखने के लिए शशि थरूर जैसे कांग्रेस नेताओं की जरूरत पड़ रही है.
No one can deny Shashi Tharoor’s eloquence, his long experience as a United Nations official, and his deep insights on matters of foreign policy.
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 17, 2025
So why has the Congress Party — and Rahul Gandhi in particular — chosen not to nominate him for the multi-party delegations being…
अमित मालवीय ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, 'शशि थरूर की वाकपटुता, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी के रूप में उनके लंबे अनुभव और विदेश नीति के मामलों पर उनकी गहरी अंतर्दृष्टि को कोई नकार नहीं सकता. तो कांग्रेस पार्टी और खास तौर पर राहुल गांधी ने उन्हें विदेश भेजे जाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में क्यों नहीं शामिल किया, ताकि वे प्रमुख मुद्दों पर भारत की स्थिति स्पष्ट कर सकें? क्या यह असुरक्षा है? ईर्ष्या है? या फिर ‘हाईकमान’ की जी हजूरी नहीं करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति असहिष्णुता है?'