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कब तय होता है Cold Day और Cold Wave, क्या है कोहरे को मापने का पैमाना? यहां जानें

कहीं कोहरा, कहीं शीतलहर तो कहीं कोल्ड डे...मौसम से जुड़े ये शब्द आप अकसर पढ़ते और सुनते होंगे लेकिन क्या आपने गौर किया है कि इन्हें कौन तय करता है और किस आधार पर तय किया जाता है कि आज कोल्ड डे या इन इलाकों में शीतलहर है. आइए जानते हैं...

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Fog Alert by IMD
Fog Alert by IMD

दिल्ली पिछले कुछ दिनों से लगातार कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है और आज, 4 जनवरी को भी ऐसे ही हालात रहने की संभावना है. संभावना है कि राष्ट्रीय राजधानी अगले एक हफ्ते तक ठंडे दिन की स्थिति से अधिक प्रभावित रहेगी, लेकिन शीतलहर की संभावना नहीं है. वहीं आज दिल्ली-एनसीआर पर घने कोहरे की चादर लिपटी नजर आई लेकिन ये कौन तय करता है कि दिल्ली कब कोल्ड डे या कोल्ड वेव से जूझ रही है और कब कोहरा घना है. आइये जानते हैं.

कब होता है कोल्ड डे?

मौसम विभाग के अनुसार, एक ठंडा दिन तब माना जाता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जाए. दिल्ली गुरुवार को लगातार चौथे दिन ठंडे दिन की स्थिति से जूझ रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 16.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज किया गया और दृश्यता 50 मीटर से भी कम रही.

कैसे तय होता है हल्का और घना कोहरा?

मौसम विभाग के अनुसार, बहुत घना कोहरा तब कहा जाता है, जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच होती है. 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता को घना कोहरा, 201 से 500 को मध्यम और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता को हल्का कोहरा कहा जाता है. बता दें कि दिल्ली समेत देश के उत्तरी मैदानी हिस्सों में शुक्रवार को जगह-जगह घना कोहरा और बहुत घना कोहरा छाया रहा.

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कब चलती है शीतलहर?

मैदानी इलाकों में जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है तो IMD शीतलहर की घोषणा करता है. शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो. वहीं , "गंभीर" शीतलहर तब होती है जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या फिर तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस कम हो.

प्रदूषण का क्या है पैमाना?

सर्दियों में कई राज्यों में प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या देखी जाती है. खासकर दिल्ली में प्रदूषण का प्रकोप ज्यादा रहता है. इसे वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई द्वारा मापा जाता है. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' माना जाता है.

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