भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर अगले सप्ताह अहम बातचीत होने जा रही है. दोनों देश अगले सप्ताह विशेष प्रतिनिधि स्तर (SRL) की वार्ता करेंगे.चीन के विदेश मंत्री और विशेष प्रतिनिधि वांग यी 18 अगस्त को भारत पहुंचेंगे. यहां वे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विशेष प्रतिनिधि अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे.
ये वांग यी की जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद पहली भारत यात्रा होगी. इस मुलाकात में सीमा विवाद समेत द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
वांग यी की यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से पहले हो रही है. पीएम मोदी 31 अगस्त को तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 7 साल बाद पहली बार चीन जाएंगे. इस दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की संभावना भी जताई जा रही है.
लद्दाख में भिड़े थे दोनों देश के सैनिक
बता दें कि जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प ने भारत-चीन रिश्तों में गहरी दरार डाल दी थी. दोनों देशों के बीच सीमा पर पैंगोंग झील, गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स और डेपसांग जैसे इलाकों में डिसएंगेजमेंट को लेकर कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत हुई, लेकिन अभी भी कुछ मुद्दे अटके हुए हैं.
18 अगस्त की बैठक अहम
18 अगस्त की बैठक से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश आगे बढ़ने के लिए किसी रोडमैप पर सहमत हो सकते हैं, हालांकि मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में यह आसान नहीं माना जा रहा.
चीन ने किया पीएम मोदी का वेलकम
पिछले हफ्ते चीन ने पीएम मोदी के प्रस्तावित दौरे का स्वागत किया था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा था कि हमें विश्वास है कि सभी पक्षों के सामूहिक प्रयास से तियानजिन शिखर सम्मेलन एकजुटता, मित्रता और अच्छे नतीजों का प्रतीक बनेगा और SCO उच्च गुणवत्ता वाले विकास के नए चरण में प्रवेश करेगा.