टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी केस में आज संसद की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं. महुआ 11 बजे संसद पहुंचीं. एथिक्स कमेटी ने 2 घंटे तक आईटी, विदेश और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट्स की जांच के बाद महुआ को पूछताछ के लिए बुलाया. महुआ ने डेढ़ घंटे तक कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके पर्सनल लाइफ को मुद्दा बनाया जा रहा है. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. अब लंच ब्रेक के बाद महुआ अपना पक्ष रखेंगी.
सत्ता पक्ष के सांसदों ने महुआ से कहा, यहां आपकी पर्सनल लाइफ डिस्कस नहीं हो रही हैं. यहां इस पर चर्चा हो रही है कि आपने अपने संसदीय अधिकारों का Miss Use किया हैं. वहीं, विपक्ष के सांसदों ने महुआ मोइत्रा के पक्ष में कहा, ऐसे सांसदों की संख्या बहुत अधिक हैं, जो सांसद पोर्टल का इस्तेमाल करना नहीं जानते हैं. यदि कोई दूसरा व्यक्ति भी सांसद पोर्टल पर सांसद के अकाउंट को login करता हैं तों उसका OTP सांसद के पास ही आता है.
इससे पहले महुआ मोइत्रा ने संसद में पैसों के बदले सवाल पूछने के आरोपों का खंडन किया है. हालांकि, उन्होंने यह माना कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगिन साझा किया था. इन सबके बीच मामले से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि महुआ के संसदीय अकाउंट को दुबई से लगभग 47 बार लॉग इन किया गया था. आईए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है, इसमें महुआ पर क्या क्या आरोप लगे हैं और उन्होंने सफाई में क्या क्या कहा है?
1- क्या है मामला?
इस पूरे मामले की शुरुआत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से हुई. निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों टीएमसी की महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन करने की मांग की थी. निशिकांत दुबे ने बिरला को लिखे लेटर में गंभीर 'विशेषाधिकार के उल्लंघन' और 'सदन की अवमानना' का मामला बताया था.
2- मामले में मुख्य किरदार कौन कौन?
1- महुआ मोइत्रा: टीएमसी सांसद मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे हैं.
2- निशिकांत दुबे: बीजेपी सांसद निशिकांत ने ही महुआ पर व्यवसायी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया है.
3- जय अनंत देहाद्रई: महुआ के पूर्व दोस्त हैं. इन्हीं की शिकायत के आधार पर निशिकांत ने महुआ पर आरोप लगाए हैं. देहाद्रई ने ही महुआ मोइत्रा पर ‘पैसे के बदले सवाल पूछने’ का आरोप लगाकर सीबीआई में शिकायत की है.
4- कारोबारी दर्शन हीरानंदानी: पूरे मामले में एक और नाम हीरानंदानी ग्रुप के दर्शन हीरानंदानी का है. बड़े उद्योग घरानों में शामिल इस परिवार का स्वास्थ्य और ऊर्जा के क्षेत्र में खासा दखल है. दर्शन, हीरानंदानी ग्रुप के अगले होने वाले सीईओ हैं. एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी के मुताबिक दर्शन ने ही मोइत्रा को बड़ी रकम दी थी.
3- निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्रई कमेटी के सामने हो चुके पेश
इस मामले में संसद की एथिक्स कमेटी के सामने निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्रई पेश हो चुके हैं. दोनों अपने बयान दर्ज करा चुके हैं. माना जा रहा है कि इन्हीं के आरोपों को लेकर महुआ से सवाल जवाब किया जाएगा.
4- हीरानंदानी ने क्या क्या दावा किया?
रियल स्टेट कारोबारी हीरानंदानी ने भी इस मामले में हलफनामा दिया है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि टीएमसी सांसद ने महंगे लग्जरी आइटम (हैंडबैग वगैरह), दिल्ली में उनके बंगले की मरम्मत, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में अलग-अलग जगहों पर यात्राओं के लिए उनसे कई बार मदद ली है. कारोबारी का कहना है साल 2017 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में महुआ मोइत्रा से मुलाकात हुई थी. इस भेंट के बाद वह पिछले कुछ वर्षों में उनकी करीबी निजी दोस्त बन गईं. हीरानंदानी का यह भी कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि जिन राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार है वहां बिजनेस बढ़ाने में उन्हें मदद मिलेगी.
5- महुआ ने क्या कहा?
महुआ लगातार इन आरोपों को खारिज कर रही हैं. कैश-फॉर-क्वेरी विवाद शुरू होने के बाद इंडिया टुडे से विशेष बातचीत करते हुए महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया कि उन्होंने लंबे समय से करीबी दोस्त, व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने लॉग-इन क्रेडेंशियल साझा किए थे. हालांकि उन्होंने इस बात को सिरे से खारिज किया था कि इसका मकसद वित्तीय लाभ कमाना था.