उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सोमवार को एक मंदिर में मची भगदड़ में दो लोगों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए. बंदरों द्वारा तोड़ा गया एक बिजली का तार टिन शेड पर गिर गया. यह घटना देश भर में धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक आयोजनों में हुई जानलेवा भगदड़ की श्रृंखला में नई है. इस साल अब तक मंदिरों, रेलवे स्टेशनों और महाकुंभ जैसे विशाल आयोजनों में ऐसी त्रासदियों में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें आज की घटना भी शामिल है. देश में साल 2003 से लेकर अब तक 23 भगदड़ में 1446 लोगों की जानें गई हैं, जबकि हजारों लोग घायल हुए. आइए एक नजर डालते हैं 22 साल में हुए ऐसे बड़े हादसों पर...
27 जुलाई, 2025: हरिद्वार के पहाड़ी पर स्थित मनसा देवी मंदिर में रविवार को सैकड़ों श्रद्धालु एकत्रित हुए थे, उस वक़्त भगदड़ मच गई, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
4 जून, 2025: 18 साल बाद आईपीएल में अपनी पहली जीत के जश्न में आरसीबी की परेड एक भयावह दृश्य में बदल गई, जिसमें चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
3 मई, 2025: गोवा के शिरगाओ गांव में श्री लैराई देवी मंदिर के वार्षिक उत्सव के दौरान तड़के मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 लोग घायल हो गए.
15 फरवरी, 2025: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में महिलाओं और बच्चों सहित 18 लोगों की मौत हो गई. वे महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में चढ़ने का इंतज़ार कर रहे थे.
29 जनवरी, 2025: महाकुंभ के संगम क्षेत्र में 'अमृत स्नान' में भाग लेने के लिए लाखों तीर्थयात्रियों की होड़ में मची भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई और 60 घायल हो गए.
8 जनवरी, 2025: तिरुमाला हिल्स स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शनम के टिकट पाने के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच मची भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए.
4 दिसंबर, 2024: हैदराबाद के संध्या थिएटर में अल्लू अर्जुन की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'पुष्पा 2' के प्रदर्शन के दौरान मची भगदड़ में एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई और एक लड़का घायल हो गया.
2 जुलाई, 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक स्वयंभू बाबा, भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित एक 'सत्संग' (प्रार्थना सभा) में भगदड़ मचने से महिलाओं और बच्चों सहित 120 लोगों की मौत हो गई.
31 मार्च, 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन 'बावड़ी' या कुंएं के ऊपर बनी स्लैब के ढह जाने से 36 लोगों की मौत हो गई.
1 जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज़्यादा घायल हो गए.
29 सितंबर, 2017: मुंबई में पश्चिम रेलवे के एलफिंस्टन रोड स्टेशन को मध्य रेलवे के परेल स्टेशन से जोड़ने वाले संकरे पुल पर मची भगदड़ में 23 लोगों की जान चली गई और 36 घायल हो गए.
14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए. यह स्थान 'पुष्करम' उत्सव के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से भरा हुआ था.
3 अक्टूबर, 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद, पटना के गांधी मैदान में मची भगदड़ में 32 लोगों की मौत हो गई और 26 अन्य घायल हो गए.
13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो गए. यह भगदड़ इस अफवाह के कारण मची कि जिस नदी पर बने पुल को श्रद्धालु पार कर रहे थे, वह टूटने वाला है.
19 नवंबर, 2012: पटना में गंगा नदी के एक तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में अठारह लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.
8 नवंबर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर-की-पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में बीस लोग मारे गए.
14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की ज़िले के पुलमेदु में एक जीप के तीर्थयात्रियों से टकराने से मची भगदड़ में 104 सबरीमाला श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से ज्यादा घायल हो गए.
4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ मचने से 63 लोगों की मौत हो गई, जब लोग स्वयंभू बाबा से मुफ़्त कपड़े और खाना लेने के लिए इकट्ठा हुए थे.
30 सितंबर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम फटने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 220 से 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से ज़्यादा घायल हुए.
3 अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए और 47 घायल हुए.
25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा ज़िले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान लगभग 340 श्रद्धालु कुचलकर मारे गए और सैकड़ों घायल हुए.
27 अगस्त, 2003: मंदिर में भगदड़ के दौरान मची भगदड़ में 39 लोग मारे गए और लगभग 140 घायल हुए.