भगवान राम की नगरी अयोध्या के लिए आज का दिन खास है. रामलला का भव्य मंदिर बनने के बाद ये पहली रामनवमी है. भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामभक्तों का सैलाब उमड़ा है. हर रामभक्त आज के दिन रामलला के नये मंदिर में भगवान के दर्शन कर लेना चाहता है और सूर्याभिषेक का हिस्सा बनना चाहता है. लेकिन आप घर बैठे भी रामलला का सूर्याभिषेक समारोह देख सकते हैं.
कब होगा रामलला का सूर्याभिषेक?
दोपहर बारह बजकर 16 मिनट पर भगवान सूर्य रामलला का अभिषेक करेंगे. सूर्य की किरण सीधे राम मंदिर पहुंचेंगी और रामलला के मस्तक का स्पर्श करेंगी. पौराणिक मान्यता है कि जब भगवान राम का जन्म हुआ था तब सूर्यदेव ने उनका अभिषेक किया था, उसी पल को आज दोहराया जाएगा.
आइए जानते हैं कहां और कैसे देख सकेंगे रामलला के सूर्याभिषेक कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग
राम मंदिर में सूर्याभिषेक के कार्यक्रम का लाइव स्ट्रीमिंग आप आजतक LIVE TV पर देख सकेंगे. इसके अलावा, आजतक के यूट्यूब चैनल पर भी लाइव प्रोग्राम देख सकते हैं. वहीं, आजतक की वेबसाइट पर राम मंदिर में सूर्याभिषेक के कार्यक्रम से संबंधित कई खबरें पढ़ी भी जा सकती हैं.
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ट्रस्ट के मुताबिक, राम जन्मोत्सव का प्रसारण करीब 100 बड़ी एलईडी स्क्रीन पर किया जाएगा. परेशानी और समय की बर्बादी से बचने के लिए मोबाइल फोन न लाने की अपील की गई है. इसका लाइव प्रसारण यूट्यूब सहित ट्रस्ट के सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर भी होगा.
भक्तों के नई गाइडलान्स जारी
सभी भक्तों के लिए आसान दर्शन सुनिश्चित करने के लिए ट्रस्ट द्वारा एक नई गाइडलाइन जारी की गई है. मंदिर निर्माण समिति की बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि 15 से 18 अप्रैल तक कोई वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन नहीं होंगे. इसके साथ ही रामनवमी के दिन रामलला भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम जन्मोत्सव के दिन यानी 17 अप्रैल को दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. राम जन्मोत्सव के दिन सुबह 3:30 बजे से रात 11 बजे तक भक्त दर्शन के लिए लाइन में लग सकेंगे.
रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी सूर्य की किरणें
बता दें कि मंदिर के सबसे ऊपरी तल पर लगे दर्पण पर नवमी के दिन दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें पड़ेंगी. दर्पण से 90 डिग्री परावर्तित होकर ये पीतल के एक पाइप में जाएंगी जहां एक और दर्पण लगा है. इस दर्पण से टकराकर किरणें फिर परावर्तित होंगी और फिर 90 डिग्री घूम जाएंगी. इसके बाद सीधे पाइप से नीचे जाएंगी, इस पाइप के रास्ते में तीन लेंस पड़ेंगे जिससे किरणों की तीव्रता बढ़ेगी. लंबवत सीधे पाइप से निकलकर किरणें फिर एक दर्पण पर टकराएंगी और 90 डिग्री घूमकर सीधे श्रीराम लला के मस्तक पर पड़ेंगी.