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नरेंद्र मोदी से पहली मुलाकात कहां हुई... अमित शाह ने सुनाया PM के 'बेस्ट फ्रेंड' बनने का पूरा किस्सा

बीजेपी से पहले कौन जुड़ा? और कैसे साथ आए? इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि पार्टी से मैं जुड़ा था. हम दोनों भाजपा में काम कर रहे हैं. जैसे करोड़ों कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते हैं. वो मोदी जी के साथ हैं. अब उनके काम के कारण करोड़ों लोग मोदी जी के साथ हैं.

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केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खास बातचीत में कई मुद्दों पर बात की (Photo- ITG)
केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खास बातचीत में कई मुद्दों पर बात की (Photo- ITG)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के बाद आजतक को दिए एक खास इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने उनके साथ अपने रिश्ते, राजनीतिक सफर और चुनौतियों पर विस्तार से बातें साझा कीं. इस दौरान शाह ने बताया कि मोदी से उनकी पहली मुलाकात 80 के दशक की शुरुआत में हुई थी, जब नरेंद्र मोदी आरएसएस के कार्यक्रम में युवाओं से संवाद करने आए थे.

शाह ने कहा, “80 दशक की शुरुआत में नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का काम करते थे. और तब अहमदाबाद में संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का युवाओं से बातचीत का एक कार्यक्रम था. उसकी तैयारी करने के लिए नरेंद्र मोदी वहां आए थे, जहां मैं रहता था. वहां बहुत कम युवा थे. तब उन्होंने (मोदी) बहुत कम समय में संघ के सिद्धांत और देश को बदलने की दिशा समझाई थी. मुझे याद है कि मेरे साथ जितने भी युवा थे, वो सभी लोग इस कार्यक्रम को सफल करने में लगे थे. बहुत अच्छा कार्यक्रम हुआ था."

बीजेपी से पहले कौन जुड़ा? इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि पार्टी से मैं जुड़ा था. हम दोनों भाजपा में काम कर रहे हैं. जैसे करोड़ों कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते हैं. वो मोदी जी के साथ हैं. अब उनके काम के कारण करोड़ों लोग मोदी जी के साथ हैं. ना केवल देश में, दुनिया भर में करोड़ों लोग उनके साथ जुड़े है. देश की समस्याओं के लिए, दुनिया की समस्याओं के लिए मोदी जी से निराकरण की अपेक्षा रखते है. एक व्यक्ति है जो डिलीवर कर सकता है.

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दिल्ली आने के बाद 2014 में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, तो पार्टी नेतृत्व ने अमित शाह को भाजपा अध्यक्ष बनाने का फैसला किया. इस पर शाह ने कहा, “पार्टी अध्यक्ष तय करने में प्रधानमंत्री की अहम भूमिका होती है, लेकिन अकेले प्रधानमंत्री का फैसला नहीं होता. यह पार्टी का निर्णय था. मेरे अलावा कोई और भी अध्यक्ष बन सकता था. बाद में नड्डा जी भी अध्यक्ष बने.”

शाह ने साफ किया कि इसे सिर्फ उनकी और मोदी की ‘केमिस्ट्री’ कहकर देखना गलत है.

मोदी के गुजरात से दिल्ली तक के सफर पर कही ये बात

गुजरात से दिल्ली आकर नरेंद्र मोदी ने अपनी रणनीति किस तरह बदली? इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुजरात में भी नरेंद्र मोदी जी के लिए राष्ट्र प्रथम था. यहां पर भी राष्ट्र प्रथम है. हां एक बात जरूर है कि गुजरात से यहां आने में समस्याओं का दायरा बदला है. समस्याएं बदली हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने वहां पर काम किया. गुजरात में पहले गांव में आठ घंटा ही बिजली आती थी. लोग अंधेरे में जीते थे. देश में सबसे पहले 24 घंटे बिजली मिलने वाला राज्य गुजरात था, जो नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते बना. हमारे यहां बच्चियों को मां के गर्भ में ही मार दिया जाता था. पहली बार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की यात्रा निकली थी. ट्राइबल डेवलपमेंट और तटीय विकास योजनाएं शुरू कीं.

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गुजरात में भी विकास के लिए काम करते थे, यहां पर भी किया. जैसे यहां (केंद्र) है. 11 साल के कम समय के अंदर देश के 60 करोड़ गरीब लोगों को घर बिजली, शौचालय, गैस, शुद्ध पीने का पानी, पांच किलो अनाज व्यक्ति प्रतिमाह और पांच लाख तक का इलाज जैसे सुविधाएं दीं. इसके लिए 60 करोड़ लोग लगभग सात दशक से राह देखते थे. एक ही दशक में सारी समस्याओं को समाधान कर दिया.

देश के तीन बड़े हॉटस्पॉट थे कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट और वामपंथी उग्रवाद. दस साल के अंदर तीनों हॉटस्पॉट में हिंसा में 75 प्रतिशत की कमी आई है. वामपंथी उग्रवाद तो 2026 तक समाप्त हो जाएगा. आतंकवाद के खिलाफ सख्त स्टैंड बहुत कम लोग ले सकते हैं. सर्जिकल सट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर इसका उदाहरण है. 14वें नंबर की इकोनॉमी आज चौथे नंबर पर पहुंच गई और देखते देखते हम तीसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे.

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