जून में हुए एयर इंडिया के भीषण विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट शुक्रवार तक जारी की जा सकती है. इस हादसे में अहमदाबाद से लंदन जा रही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही देर बाद क्रैश कर गया था. विमान ने 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद अचानक नियंत्रण खो दिया था, और हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोग और जमीन पर मौजूद कई लोग मारे गए थे.
रॉयटर्स के मुताबिक, जांच से जुड़े तीन सूत्रों ने जानकारी दी कि विमान के इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच की गतिविधियों पर खस ध्यान दिया जा रहा है. मसलन, फ्लाइट और वॉयस डेटा रिकॉर्डर के साथ-साथ बोइंग द्वारा किए गए विमान के आखिरी पल के सिमुलेशन के आधार पर जांच टीन ने अपनी दिशा तय की है. अभी तक जांच में कोई स्पष्ट टेक्निकल खराबी नहीं पाई गई है और बोइंग 787 ऑपरेशंस को लेकर किसी तरह की चेतावनी जारी नहीं की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, बोइंग कंपनी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है.
यह भी पढ़ें: Air India Express पर बड़ा खुलासा, इंजन रिपेयर के नाम पर की थी हेराफेरी, DGCA ने लगाई थी फटकार
फ्यूल स्विचेस पर जांच का फोकस
एविएशन इंडस्ट्री की प्रमुख वेबसाइट ‘The Air Current’ ने सबसे पहले यह रिपोर्ट दी थी कि जांच का ध्यान फ्यूल स्विचेस पर केंद्रित है जो विमान के दोनों इंजनों को पावर देते हैं. यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि फ्यूल स्विचेस के साथ विमान में उड़ान के दौरान क्या बदलाव किए गए थे. ब्लैक बॉक्स डेटा से यह तय नहीं हो पाया है कि किसी तरह की गलती, लापरवाही या जानबूझकर कुछ किया गया था या नहीं.
स्विच बंद होते ही खत्म हो जाता है इंजन का पावर
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विमान सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स ने बताया कि एक पायलट गलती से इन स्विच को नहीं हिला सकता. उनका कहना है, "आप उन्हें बस छूकर नहीं हिला सकते." मसलन, अगर स्विच को बंद कर दिया जाता है तो इंजन की शक्ति तुरंत कट जाती है. ज्यादातर विमान हादसे कई कारण से होते हैं, लेकिन एयर इंडिय विमान हादसे में थ्रस्ट पर फोकस है, और विमान तभी थ्रस्ट खो सकता है जब उसके इंजन की पावर खत्म हो जाए. जांच का एक पहलू थ्रस्ट को लेकर भी रहा है.
यह भी पढ़ें: Air India की फ्लाइट में लैंडिंग से पहले भिड़े 2 यात्री, एयरपोर्ट पर उतरते ही एक को हिरासत में लिया गया
एयर इंडिया क्रैश की जांच रिपोर्ट जल्द जारी हो सकती है!
रिपोर्ट शुक्रवार को जारी हो सकती है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि अंतिम योजना में बदलाव संभव है और दस्तावेज में कितनी जानकारी होगी, यह भी साफ नहीं है. भारत की Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत जांच की अगुवाई कर रही है लेकिन संस्था ने इस संबंध में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी है.