महाराष्ट्र के सोलापुर जिला परिषद स्कूल के एक प्राइमरी टीचर ने 7 करोड़ रुपये का इनाम जीता है. रणजीत सिंह डिसले को बतौर ग्लोबल टीचर पुरस्कार के लिए चुने जाने पर यह बड़ी इनामी जीत मिली है. पहली बार किसी भारतीय को दुनिया का सर्वश्रेठ टीचर होने का सम्मान हासिल हुआ है.
यूनेस्को और लंदन स्थित वार्की फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले ग्लोबल टीचर प्राइज की घोषणा गुरुवार 3 दिसंबर को हुई. सोलापुर जिले के परितेवाडी जिला परिषद स्कूल के टीचर रणजितसिंह डिसले ने यह पुरस्कार जीत लिया. लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में संपन्न हुए समारोह में सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता स्टीफन फ्राय इस पुरस्कार की घोषणा की.
दुनिया के 140 देशों के 12 हजार से ज्यादा टीचर्स ने इस स्पर्धा में हिस्सा लिया था. लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और भारत में त्वरित-प्रतिक्रिया (QR) कोडित पाठ्यपुस्तक क्रांति को गति देने के प्रयासों की वजह से रणजीत सिंह को यह इनाम मिला.
2014 में वर्के फाउंडेशन द्वारा स्थापित वार्षिक पुरस्कार के लिए दुनियाभर से 10 फाइनलिस्ट चुने गए. यह पुरस्कार ऐसे विलक्षण शिक्षक को दिया जाता है जिन्होंने अपने शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस उपलब्धि के लिए रणजीत सिंह को बधाई भी दी.
Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari congratulates Solapur ZP School teacher Ranjitsinh Disale on being selected for the Global Teacher Prize 2020: Governor House
— ANI (@ANI) December 3, 2020
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रणजीत सिंह डिसले ने इनामी राशि में से 50 फीसदी राशि अंतिम दौर तक पहुंचने वाले 9 अन्य टीचर्स के साथ बांटने का ऐलान किया है. इस कारण हजारों छात्रों को स्कॉलरशिप के जरिये पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. यह समारोह वर्चुअल आयोजित किया गया था.