भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे ग्रामीण पुलिस ने 163 लोगों को नोटिस जारी किया है. इसमें आरोपी मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे भी शामिल हैं. 1 जनवरी को कोरेगांव भीमा लड़ाई की 202वीं वर्षगांठ और भीमा कोरेगांव मामले की दूसरी वर्षगांठ है. इसके मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया है.
These 163 people have been served notices by Pune Rural Police, prohibiting them from entering the district. #Maharashtra https://t.co/8b1zeQ5MiO
— ANI (@ANI) December 23, 2019
कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में आरोपी मिलिंद एकबोटे पर आरोप है कि उन्होंने कोरेगांव भीमा में 2018 में हिंसा भड़काई थी. इस मामले में पुणे ग्रामीण पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. बाद में पुणे की अदालत ने आरोपी मिलिंद एकबोटे को अप्रैल 2018 में कुछ शर्तों के आधार पर जमानत दे दी थी. बाद में जनवरी 2019 में मिलिंद एकबोटे पर लगाई गईं पाबंदिया हटा ली गई थीं.
क्या है भीमा कोरेगांव हिंसा
31 दिसंबर, 2017 को भीमा कोरेगांव में पेशवाओं पर महार रेजिमेंट की जीत के 200 साल पूरे हुए थे जिसके उपलक्ष्य में पुणे के शनिवारवाड़ा में यल्गार परिषद ने जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें सुधीर धावले, पूर्व जस्टिस बीजी कोल्से पाटिल के अलावा कई अन्य संगठन दलितों और अल्पसंख्यकों पर मौजूदा सरकार के अत्याचारों का दावा करते हुए एकजुट हुए थे. इस जश्न के अगले ही दिन भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी.