बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद इस बार गणेश उत्सव में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने खास तैयारी की है. शहरभर में 288 से ज्यादा कृत्रिम तालाब (Artificial Ponds) बनाए गए हैं, जहां बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा.
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, 6 फीट तक की सभी गणेश मूर्तियों (मिट्टी या प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी) का विसर्जन केवल इन कृत्रिम तालाबों में ही किया जाएगा, प्राकृतिक जल निकायों में नहीं. 6 फीट से ऊंची मूर्तियों के लिए विशेष न्यायिक और प्रशासनिक नियम तय किए गए हैं, और उनका विसर्जन केवल निर्धारित स्थानों पर ही संभव होगा.
चौपाटी पर 7 कृत्रिम तालाब और शिवाजी पार्क समेत अन्य जगहों पर भी तालाब बनाए गए हैं ताकि लोगों को आसानी से विसर्जन स्थल मिल सके.
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बीएमसी ने व्यवस्था की है कि तालाबों में जमा गाद (sludge) को अधिकतम 15 दिन तक ही रखा जाएगा और उसके बाद वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जाएगा.
बीएमसी ने लोगों से की ये अपील
बीएमसी ने मुंबईकरों से छोटी गणेश मूर्तियों का विसर्जन घरों में ही बाल्टी में करने की अपील भी की है. शहर में कृत्रिम तालाबों की सूची बीएमसी की वेबसाइट (https://www.mcgm.gov.in) पर उपलब्ध है, और इस सूची तक पहुंच के लिए क्यूआर कोड मीडिया के माध्यम से प्रसारित किए जा रहे हैं.
पिछले साल, "डेढ़ दिन के विसर्जन" के बाद लगभग 48 प्रतिशत गणेश मूर्तियों का विसर्जन मुंबई के कृत्रिम तालाबों में किया गया था. नए दिशानिर्देशों के बाद इस साल यह संख्या बढ़ने की संभावना है.