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'भगवान भी चार धामों से भाग गए... ये सब देखकर दिल टूट जाता है', निर्माण कार्यों को लेकर बोलीं मेनका गांधी

बीजेपी नेता मेनका गांधी ने चार धाम यात्रा के दौरान हुई जानवरों के मौत और पर्यावरणीय क्षति पर चिंता जताई है. उन्होंने केरल सरकार के जंगली सूअरों के शिकार के फैसले की आलोचना करते हुए चेतावनी दी कि इससे पेड़ों की वृद्धि रुक जाएगी. मेनका गांधी ने मुंबई में कबूतरखानों के संरक्षण की बात भी कही है.

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मेनका ने हेमकुंड घाटी में पिछले साल 700 जानवरों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि 'भगवान भी अब चार धामों से भाग गए हैं'. (File Photo: ITG)
मेनका ने हेमकुंड घाटी में पिछले साल 700 जानवरों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि 'भगवान भी अब चार धामों से भाग गए हैं'. (File Photo: ITG)

बीजेपी नेता और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने चार धाम यात्रा और पर्यावरण को लेकर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है भगवान भी चार धामों से भाग गए हैं. पिछले साल 700 जानवर हेमकुंड से गिरकर मारे गए. कौन भगवान टिकेगा इसमें?' उन्होंने कहा, 'जहां कभी घास के मैदान और फूलों की खूबसूरती से स्वर्ग जैसा एहसास होता था, आज वहां जाना दिल तोड़ देता है.' 

'दुनिया में कबूतरों से आज तक एक भी मौत नहीं हुई'

पक्षियों को लेकर हो रही बहस पर भी मेनका गांधी ने कहा कि कबूतरों से इंसानों को कोई खतरा नहीं है. दुनिया में कबूतरों से आज तक एक भी मौत नहीं हुई है. मुंबई में 57 कबूतरखाने हैं, जिनमें से 4-5 तोड़ दिए गए हैं. अब मुख्यमंत्री ने एक कमेटी बनाई है और मुझे भरोसा है कि रिपोर्ट आने के बाद फिर से कबूतरखाने बनाए जाएंगे.

'जंगली सूअर मारे गए तो नहीं बचेगा एक भी पेड़'

इसके साथ ही उन्होंने केरल सरकार के जंगली सूअरों को मारने के फैसले की आलोचना भी की. मेनका गांधी ने चेतावनी दी कि अगर सूअरों को मारा गया तो आने वाले पांच सालों में वहां एक भी पेड़ नहीं बचेगा. उन्होंने कहा, 'जंगलों में ब्रैकन फर्न तेजी से फैलता है, जिसकी वजह से पेड़ों की वृद्धि रुक जाती है. केवल जंगली सूअर ही इस पौधे को खाते हैं.'

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कुत्तों को लेकर SC के फैसले के साथ
 
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर एक बड़ा आदेश दिया था जिसका मेनका गांधी ने स्वागत किया था और फैसले पर संतोष जताया था. कोर्ट ने कहा कि जो कुत्ते फिलहाल शेल्टर होम में हैं, उन्हें बाहर छोड़ा जाए. लेकिन जो कुत्ते आक्रामक स्वभाव के हैं, उनका नसबंदी (स्टेरिलाइजेशन) किया जाए और उन्हें बाहर न छोड़ा जाए. इसी तरह, जो कुत्ते रेबीज से पीड़ित हैं, उन्हें भी वापस न छोड़ा जाए.

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