मुंबई कांग्रेस की गुटबाजी का मसला अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के दरवाजे तक पहुंच गया है. सूत्रों के मुताबिक मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर संजय निरूपम आगे भी बने रहेंगे या नहीं, ये फैसला राहुल गांधी ही लेंगे.
महाराष्ट्र के लिए पार्टी के प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खरगे 16 सितंबर को मुंबई में थे तो निरूपम के विरोधी खेमे के नेता उनसे मिले. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने खरगे से निरूपम को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की. खड़गे जल्दी ही राहुल गांधी को इस मामले की अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे. अंतिम फैसला राहुल गांधी को करना है.
दरअसल, अरसे से मुंबई कांग्रेस के तीन खेमों में बंटे होने के कयास लगाए जाते रहे हैं. एक खेमा खुद संजय निरूपम का बताया जाता रहा है. दूसरा खेमा मिलिंद देवड़ा का, और तीसरा मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गुरुदास कामत से जुड़े होने की अटकलें लगती रही हैं. बताया जाता है कि गुरुदास कामत के निधन के बाद उनसे जुड़े खेमे ने भी मिलिंद देवड़ा के खेमे से हाथ मिला लिया. इसके बाद निरूपम के खिलाफ विरोध के सुर और तेज हो गए.
मुंबई के नेताओं ने राहुल गांधी से मिलने का वक्त मांगा
हाल में मुंबई कांग्रेस के कई नेताओं, विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों ने राहुल गांधी से मिलने का वक़्त मांगा. सूत्रों के मुताबिक, राहुल के दफ्तर ने सभी को पहले राज्य प्रभारी खरगे से मिलने को कहा. सूत्रों के मुताबिक खरगे रविवार को मुंबई गए तो निरूपम के विरोधी खेमे के नेताओं ने उनसे निरूपम को हटाने की मांग की. साथ ही आरोप लगाया कि निरूपम 'एकला चलो' की नीति पर चलते हैं, सबको साथ लेकर नहीं.
इसके बाद खरगे ने सभी को यही कहा कि वो पूरे मामले की रिपोर्ट दिल्ली जाकर राहुल गांधी देंगे और आखिरी फैसला राहुल गांधी ही करेंगे. बताया जा रहा है कि खरगे जल्द ही अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी को सौंप देंगे. कुल मिलाकर निरूपम रहेंगे या जाएंगे, ये तो राहुल गांधी तय करेंगे, फिलहाल मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की उनकी कुर्सी पर जरूर तलवार लटक रही है.