scorecardresearch
 

आदर्श घोटाला: कोर्ट ने पूछा- क्या चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी जरूरी?

बंबई हाईकोर्ट ने सीबीआई से जानना चाहा है कि आदर्श सोसाइटी घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपों पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए क्या मंजूरी लेने की जरूरत थी.

Advertisement
X

बंबई हाईकोर्ट ने सीबीआई से जानना चाहा है कि आदर्श सोसाइटी घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपों पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए क्या मंजूरी लेने की जरूरत थी.

सीबीआई द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति साधना जाधव ने यह सवाल किया. सीबीआई ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर प्राथमिकी से चव्हाण का नाम हटाने की इजाजत मांगी है. सीबीआई ने यह कदम तब उठाया, जब महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था.

एजेंसी ने पिछले महीने उस वक्‍त हाईकोर्ट का रुख किया था, जब निचली अदालत ने जनवरी 2011 में सीबीआई द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में से चव्हाण का नाम हटाने से इनकार कर दिया था. चव्हाण एवं 12 अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.

न्यायमूर्ति जाधव ने कहा कि आईपीसी के सामान्य कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए क्या आपको (सीबीआई को) मंजूरी की जरूरत है. सीबीआई के वकील हितेन वेणेगांवकर ने कोर्ट को बताया कि आईपीसी के तहत चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी की जरूरत थी क्योंकि वह उस वक्त एक विधायक के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्व मंत्री थे जब कथित अपराध हुआ.

Advertisement
Advertisement