महाराष्ट्र सरकार पूरे मुंबई में स्थित बहुमंजिला इमारतों के सभी लिफ्टों में शीशे के दरवाजे और सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है.
विपक्ष ने कहा है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान लिफ्टों में लोगों के फंसने की कई घटनाएं सामने आयी है और निरीक्षण कर्मचारियों के कई पद रिक्त होने को देखते हुए पूछा कि क्या इन लिफ्टों की जांच परख की गई या नहीं.
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के सदस्य अनंत गाडगिल द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाव में पीडब्ल्यूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मुंबई में लगाए गए कुल 35,683 लिफ्ट में से इस साल फरवरी तक उनके विभाग ने 32,493 लिफ्ट का निरीक्षण किया है.
पाटिल ने कहा, 'लिफ्ट निरीक्षण इंजीनियरों के 32 पदों में से 12 रिक्त हैं. हमने हर तीन महीने में निरीक्षण किए गए कुल लिफ्ट की संख्या सूची वेबसाइट (अधिकारिक) पर डाल दी है. लिफ्ट के खराब होने के अधिकांश मामलों में यह देखा गया है कि बिजली की आपूर्ति रुकने के कारण लिफ्ट रुक गई है.' उन्होंने कहा कि 2012 में बनाये गये संबंधित कानूनों के तहत लिफ्ट निर्माताओं को दो नियमों का पालन करना अनिवार्य है.
इसका विवरण देते हुए उन्होंने कहा, 'नियमों के मुताबिक लिफ्ट में पर्याप्त बैट्री बैकअप होना चाहिए, जिससे अगर बिजली की आपूर्ति अचानक से बंद हो जाए तो नजदीकी तल तक आसानी से पहुंचा जा सके और लोग उससे निकल सकें.'
दूसरा, लिफ्ट में एक ऐसा तंत्र होना चाहिए जो अधिक वजन होने पर आवाज करने लगे. पाटिल ने सदन को बताया, ‘हम लोग इन नियमों को लिफ्ट में लागू करना चाहते हैं. इसके अलावा, राज्य सरकार सभी लिफ्टों में सीसीटीवी कैमरा और शीशे के दरवाजे लगाना अनिवार्य करने पर विचार कर रही है.'
इनपुट: भाषा