महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस नेता भाई जगताप ने बड़ा बयान दिया है. कांग्रेस नेता और मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जगताप ने कहा कि कांग्रेस आगामी बीएमसी चुनावों में अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस न तो राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ गठबंधन करेगी, और न ही उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी.
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने आगामी बीएमसी चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीति साफ कर दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी भी ठाकरे गुट के साथ गठबंधन नहीं करेगी. कांग्रेस राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
इसी तरह, पार्टी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के साथ भी गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ेगी.
पार्टी लड़ेगी स्वतंत्र चुनाव...
पूर्व मुंबई कांग्रेस प्रमुख भाई जगताप ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस बीएमसी चुनावों में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी. यह फैसला कांग्रेस द्वारा महाराष्ट्र में स्थानीय स्तर पर अपनी ताकत को मजबूत करने के संकेत देता है.
शिवसेना (UBT) का पलटवार...
शिवसेना (UBT) लीडर आनंद दुबे ने भाई जगताप के बयान के बाद पलटवार किया. उन्होंने कहा, "गठबंधन पर फैसला वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और उद्धव ठाकरे लेंगे." दुबे ने कहा, "हमें चुनौती न दें. हम शिवसेना हैं और पिछले चुनाव में हमने अकेले चुनाव लड़ा था और बीजेपी को हराया था. हम अपने गठबंधन सहयोगियों का सम्मान करते हैं, लेकिन अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं."
यह भी पढ़ें: मुंबई में BMC के 426 किफायती घरों की बिक्री शुरू, जानें कैसे करें आवेदन
इस बीच, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने राज्य की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और फर्जी प्रविष्टियों का आरोप लगाते हुए 1 नवंबर को मुंबई स्थित चुनाव आयोग कार्यालय तक एक विशाल विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया है.
यह ऐलान रविवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने एनसीपी (शरद पवार गुट) के सीनियर नेताओं जयंत पाटिल, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत और माकपा नेता प्रकाश रेड्डी के साथ मुंबई स्थित शिवसेना भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया गया. बताया जा रहा है कि ठाकरे भाई एशिया के सबसे अमीर नगर निकाय, बृहन्मुंबई नगर निगम के चुनाव से पहले आम सहमति बनाने के इच्छुक हैं.
(एजेंसी के इनपुट के साथ)