महाराष्ट्र पुलिस ने पालघर में 23 साल पहले हुई एक हत्या के आरोप में एक ऑटोरिक्शा चालक को गिरफ्तार किया है. हारुन अली मुस्तकिन अली सैय्यद साल 2001 में कथित तौर पर एक हत्या करने के बाद से कानून से अब तक बचता रहा था. लेकिन अब आखिरकार महाराष्ट्र पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
43 साल के सैय्यद ने कथित तौर पर 14 अक्टूबर, 2001 को 56 साल के मोहरम अली नाम के शख्स की हत्या कर दी थी. म़तक पालघर जिले में उसके ऑटोरिक्शा में चढ़ा था. उतरने पर किराए को लेकर विवाद हुआ और सैय्यद ने गुस्से में आकर मोहरम अली पर कई बार चाकू से वार कर दिए और भाग निकला. एक घंटे के भीतर मोहरम अली ने दम तोड़ दिया. पांच महीने पहले मीरा-भायंदर वसई-विरार पुलिस की अपराध शाखा इकाई-III ने इस ठंडे पड़ चुके मामले पर फिर से विचार करने का फैसला किया और एक कमिटेड टीम ने आधुनिक निगरानी तकनीकों के साथ पारंपरिक जासूसी तरीकों का उपयोग करते हुए आखिरकार सैय्यद को पकड़ लिया.
सीनियर इंस्पेक्टर शाहूराज रानावरे ने ताजा जांच को लीड किया था. अधिकारी ने बुधवार को कहा, "हमारी इकाई ने लगभग पांच महीने पहले ठंडे पड़े मामले की सक्रियता से जांच शुरू की." टीम ने सावधानीपूर्वक पुराने रिकॉर्ड की फिर से जांच की, गवाहों से पूछताछ की और मोहरम अली के रिश्तेदारों का पता लगाया. इससे उन्हें सालों की निराशा के बाद उम्मीद की किरण दिखाई दी.
सैयद की तलाश पालघर से कहीं आगे तक फैली हुई थी, और पुलिस ने जिले और मुंबई में मुखबिरों को सक्रिय किया, और उत्तर प्रदेश में उसके पैतृक शहर में व्यापक क्षेत्र में जांच की. तमाम तकनीकी निगरानी के बाद, सैय्यद को पालघर जिले के तलासरी में पाया गया और सोमवार को हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद से उसे विरार पुलिस को सौंप दिया गया है, जहां वह आरोपों का सामना करेगा.