क़रीब दो साल बाद महाराष्ट्र में बाइक टैक्सी पर बैन से हटा दिया गया है. उस समय अधिसूचना जारी किया था कि निजी या गैर-परिवहन श्रेणी के दोपहिया वाहनों को ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सेवा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
अब 2025 में महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने "महाराष्ट्र बाइक-टैक्सी नियम, 2025” जारी कर इस सेवा को वैध कर दिया है. सरकार ने फ़िलहाल उबर, रैपिडो, एएनआई टेक्नोलॉजीज को अस्थायी लाइसेंस भी जारी किए हैं.
इस नए नियम के तहत पहले 1.5 किलोमीटर की दूरी के लिए बेस फ़ेयर 15 रुपये होगा और उसके बाद प्रति किलोमीटर 10.27 रुपये चार्ज किया जाएगा. फ़िलहाल ये सेवा मुंबई के लिए शुरू की गई है और जो लाइसेंस जारी किए गए हैं वह 30 दिनों तक वैध होंगे.
सरकार के इस फैसले के ख़िलाफ़ विपक्ष ने विरोध जताया है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई में पहले ही सड़कें भरी हुई हैं. सरकार की ओर से यह साफ़ नहीं किया गया कि कितनी बाइक तैनात होंगी. उन्होंने यात्रियों, ख़ासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश की जानकारी मांगी.
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आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने पहले बिना लाइसेंस वाले रैपिडो राइडर के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कार्रवाई की थी, लेकिन कुछ महीने बाद ही उनके बेटे के "प्रो-गोविंदा" कार्यक्रम का प्रायोजन रैपिडो ने किया.
उन्होंने BEST बसों के किराए बढ़ाने और प्राइवेटाइजेशन की भी आलोचना की. उन्होंने सवाल उठाया कि जब बसों का किराया पांच रुपये है तो बाइक टैक्सी वालों को कोई क्यों 15 रुपये देना चाहेगा? उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी जल्दी रैपिडो को लाइसेंस कैसे मिल गया.
विपक्ष में NCP (SP) विधायक रोहित पवार ने भी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. पवार ने सरनाइक पर आरोप लगाया कि उनके बेटे के कार्यक्रम के प्रायोजन और Rapido के लाइसेंस की त्वरित मंजूरी में रिश्वत का संबंध है