पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम आज दाखिल किए गए हलफनामे को स्वीकार नहीं करते हैं. यह मंत्रियों और अधिकारियों को बचाने की कोशिश है.
उन्होंने आगे कहा कि 2018 में एसीबी के महानिदेशक (डीजी) द्वारा दायर की गई चीजों को नकारने के लिए हलफनामे में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए गए हैं. न ही कोई दस्तावेज दिया गया है. इसलिए हम इस हलफनामे को नहीं मानते हैं और मुझे लगता है कि कोर्ट भी इसे स्वीकार नहीं करेगा. हम भी इस संबंध में हस्तक्षेप करने की योजना बना रहे हैं.
हमने क्लीन चिट नहीं दीः फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि क्लीन चिट देने की कोशिश सुनियोजित योजना लगती है. 27 तारीख को एक हलफनामा दाखिल किया गया और अब एक पूर्ण सरकार पूरी तरह से क्लीन चिट दे रही है.उन्होंने कहा कि हमने कोई क्लीन चिट (80 घंटे के दौरान सरकार ने) नहीं दी थी. डीजी ने आज साफ कहा है कि हमने 27 तारीख को यह हलफनामा तैयार किया जो जूनियर स्तर के अधिकारियों द्वारा दिया गया था और आज यह महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत किया गया. मैंने 26 नवंबर को इस्तीफा दिया जबकि 27 को हलफनामा दायर किया गया.
मुद्दे को विधानसभा में उठाने जाने पर फडणवीस ने कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने के लिए हमारे पास सीमाएं हैं, लेकिन हम इसके खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अगर कोई सचिव हस्ताक्षर करता है तो उसके बाद मंत्री द्वारा हस्ताक्षरित किया जाता है, तो सारा दोष सिर्फ सचिवालय पर नहीं डाला जा सकता. यह इस तरह के निविदाओं के मामले में हो सकता है, लेकिन अगर यह कई निविदाओं में हुआ है तो इसका मतलब है कि एक पैटर्न था और इसकी जांच करने की आवश्यकता है.