भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद कल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दफ्तर के बाहर तिहंरा फहराएंगे. ट्विटर पर ऐलान करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि मैं कल नागपुर आ रहा हूं. हम आरएसएस के हेडक्वार्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे. मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है.
चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीटर पर लिखा, 'मैं कल 2 बजे रेशमबाग नागपुर आ रहा हूं. फर्जी राष्ट्रवादियों का संगठन आरएसएस जिसने आज तक तिरंगे को सम्मान नहीं दिया. कल हम उनके हेडक्वार्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे. मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है.'
मैं कल 2 बजे रेशमबाग नागपुर आ रहा हूँ। फर्जी राष्ट्रवादियों का संगठन आरएसएस जिसने आज तक तिरंगे को सम्मान नही दिया कल हम उनके हेडक्वार्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे। मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 21, 2020
23 फरवरी को भारत बंद बुलाया
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रमोशन में आरक्षण को लेकर दिए ताजा फैसले का विरोध शुरू में चंद्रशेखर आजाद ने 23 फरवरी को भारत बंद बुलाया है. भीम आर्मी चीफ ने ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं से भी भारत बंद का समर्थन करने की अपील की है. उन्होंने चेताया कि पिछड़े और दलित वर्ग के सांसदों-विधायकों ने अगर समर्थन नहीं दिया तो उनके घरों के सामने भी प्रदर्शन होगा.
सभी साथी 23 फरवरी को भारत बंद की तैयारी करें। हम 16 फरवरी को मंडी हाउस से पार्लियामेंट तक मार्च निकालकर सरकार को बता देंगे कि आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नही की जाएगी। मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करता हूँ कि 23 फरवरी के भारत बंद में सहयोग करें। जय भीम
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 12, 2020
सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटने की मांग
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार आरक्षण छीनने की कोशिश कर रही है. अब 'आरक्षण बचाओ, संविधान बचाओ, सीएए, एनआरसी, एनपीआर हटाओ, संविधान बचाओ' नाम से आंदोलन शुरू किया जाएगा. अगर केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण पर दिए फैसले को नहीं पलटा तो 23 फरवरी को भारत बंद होगा. यह उसी तरह का प्रदर्शन होगा जैसे एससी-एसटी एक्ट को लेकर पूर्व में आए फैसले के खिलाफ इससे पहले हो चुका है.
नागौर मुद्दे पर @BhimArmyChief को सुनिए #Khabardar
लाइव: https://t.co/fOz5QPkk43 pic.twitter.com/MaZFx6IaFM
— आज तक (@aajtak) February 20, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था यह फैसला
चंद्रशेखर आजाद ने प्रमोशन में आरक्षण की वकालत करते हुए कहा कि हमारी जातियों के लोग आरक्षण से आईपीएस तो बन जाते हैं मगर उन्हें आईजी और डीआईजी बनने में पापड़ बेलना पड़ता है, क्योंकि गोपनीय रिपोर्ट में लाल कलम चल जाती है. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण या कोटा मौलिक अधिकार नहीं है.