बैंक घोटाले में केस दर्ज होने के बाद राष्ट्रवादी नेशनल पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है. मुंबई में चल रही इस बैठक में अजित पवार, छगन भुजबल, जितेंद्र अवध और नवाब मलिक मौजूद हैं. आज दोपहर तीन बजे शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है.
इस बीच एनसीपी कार्यकर्ताओं ने मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी ईडी कार्रवाई से नाराज हैं. इसके अलावा एनसीपी ने बारामती बंद का ऐलान किया. पुणे और बारामती शहर समेत कई जगहों पर व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं.
Maharashtra: Nationalist Congress Party (NCP) staged a protest outside Enforcement Directorate (ED), in Mumbai earlier today. NCP Chief Sharad Pawar and his nephew have been named in a money laundering case investigated by the Enforcement Directorate (ED). pic.twitter.com/oU7YiYpB2F
— ANI (@ANI) September 25, 2019
शरद पवार पर मुश्किलें उस समय बढ़ीं जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है. शरद और उनके भतीजे अजित पवार समेत 70 अन्य लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया. इस घोटाले का नाम है महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (Mharashtra State Co-Operative Bank) स्कैम.
इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया था कि शरद पवार और अजित पवार समेत 70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना था कि इन सभी आरोपियों को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी. शरद पवार और जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य डायरेक्टर के खिलाफ बैंकिंग और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है.
महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले के आरोपियों में बैंक की 34 शाखाओं के अधिकारी भी शामिल हैं. हाई कोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस एसके शिंदे की बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं. आर्थिक अपराध शाखा पांच दिन इनके खिलाफ केस दर्ज करे.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार, जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य निदेशकों ने कथित तौर पर चीनी मिल को कम दरों पर कर्ज दिया था. डिफॉल्टर की संपत्तियों को सस्ती कीमतों पर बेच दिया था. उन पर यह भी आरोप है कि इन संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका दोबारा भुगतान नहीं होने से बैंक को 2007 से 2011 के बीच करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.