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'हमने न्याय पाने के लिए ...', NCP का नाम और सिंबल मिलने पर बोले अजित पवार

चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और अब एनसीपी पर अधिकार पा चुके अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान अजित ने कहा, "हमने न्याय पाने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग से संपर्क किया था, जिसके लिए हमने कई तर्क रखे थे. हमारे देश में सदैव लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाता है."

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महाराष्ट्रे के डिप्टी सीएम अजित पवार (फाइल फोटो)
महाराष्ट्रे के डिप्टी सीएम अजित पवार (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव से पहले अजित पवार गुट को एनसीपी का अधिकार मिल गया है. चुनाव आयोग ने शरद पवार को झटका देते हुए अजीत गुट को ही असली एनसीपी करार दिया है. इसको लेकर अजित खेमे में जश्न का माहौल है. वहीं शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहा है.

चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और अब एनसीपी पर अधिकार पा चुके अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान अजित ने कहा, "हमने न्याय पाने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग से संपर्क किया था, जिसके लिए हमने कई तर्क रखे थे. हमारे देश में सदैव लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाता है."

अजित पवार ने आगे कहा कि 50 विधायकों सहित हम सभी ने एक निर्णय लिया था, जिसे आज चुनाव आयोग ने विनम्रता के साथ स्वीकार कर लिया है. हम चुनाव आयोग के इस फैसले के लिए आभारी हैं. हमारी पार्टी का नाम, प्रतीक और झंडा अब हमें आवंटित कर दिया गया है. हम बेहद खुश हैं. साथ ही हमने विधानसभा स्पीकर के सामने भी अपील की थी. हम जल्द ही उस नतीजे का इंतजार कर रहे हैं.'

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उधर, एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले के बयान पर अजित पवार ने कहा, "हम सभी महाराष्ट्रीयन हैं तो मराठी माणूस के साथ विश्वासघात का सवाल ही कहां है? हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते कि दूसरे हमारे बारे में क्या कह रहे हैं."

जयंत पाटिल के सुप्रीम कोर्ट जाने के बयान पर अजित ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को सुप्रीम कोर्ट या किसी अन्य प्राधिकारी के पास जाने का अधिकार है. अगर फैसला उनके पक्ष में होता तो हम सुप्रीम कोर्ट जाते. इसके अलावा, मैं चुनाव आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. यह पदाधिकारी और विधायकों की संख्या है जो हमारे पक्ष में चुनाव आयोग के फैसले का आधार थी.

सुप्रिया सुले ने दिया था ये बयान

बता दें कि इस मामले पर सुप्रिया सुले ने कहा था कि मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ, वही आज हमारे साथ हो रहा है. इसलिए ये कोई नया फरमान नहीं है. बस नाम बदले हैं लेकिन संदर्भ वही है. यह फैसला अदृश्य शक्ति की वजह से आया है. अदृश्य शक्ति इस देश में हैं, वही ये कर रही हैं. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. चुनाव आयोग का इस्तेमाल करके पार्टी तोड़ी जा रही हैं. 

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