scorecardresearch
 

परंपरा के नाम पर झारखंड में रची जा रही है ये खतरनाक साजिश

सरकार को भेजी गई विशेष शाखा की रिपोर्ट में इस गोरखधंधे का भी खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, जहां सर्वाधिक अफीम की खेती होती है वहीं पर सबसे ज्यादा पत्थलगड़ी हुई है. यहां बोर्ड भी लगा रखा है कि ग्राम सभा की अनुमति के बगैर गांव में प्रवेश वर्जित है.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो

झारखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों एक खतरनाक साजिश का ताना - बाना बुना जा रहा है. ग्रामीण आदिवासी इलाके में कुछ देशविरोधी तत्व आदिवासियों को बहला-फुसलाकर समानांतर सरकार की साजिश रच रहे हैं. बताया जाता है कि इनका एक फुलप्रूफ प्लान भी है. जिसके तहत ये तत्व वैसे इलाके के आदिवासियों को ज्यादा भड़का रहे हैं, जहां अफीम की खेती का बड़ा स्कोप है. आदिवासी हित और कथित स्वायत्तता की बातों के पीछे अफीम के काले धंधे को बेरोकटोक चलाने की मंशा है.  

आखिर क्या है पत्थलगड़ी ?

पत्थलगड़ी आदिवासियों की एक प्राचीन परंपरा है. इसमें पत्थर गाड़ कर इलाके को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है. यहां बिना ग्राम सभा की अनुमति के किसी भी दूसरे व्यक्ति का प्रवेश वर्जित नहीं होता. अब इसी परंपरा का सहारा ले कुछ देशविरोधी आपराधिक तत्व अपना मंसूबा साधने में जुटे है. इनका मकसद साफ है कि इलाके में पुलिस-प्रशासन का प्रवेश और विकास कार्य होने से अफीम के धंधे पर असर पड़ता है. ऐसे में अब वे इनका प्रवेश पूरी तरह से रोकने की साजिश रच रहे है.  इसकी तस्दीक विशेष शाखा के खुफ़िआ अधिकारियों ने की है.

Advertisement

रिपोर्ट में गोरखधंधे का खुलासा...

सरकार को भेजी गई विशेष शाखा की रिपोर्ट में इस गोरखधंधे का भी खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, जहां सर्वाधिक अफीम की खेती होती है वहीं पर सबसे ज्यादा पत्थलगड़ी हुई है. यहां बोर्ड भी लगा रखा है कि ग्राम सभा की अनुमति के बगैर गांव में प्रवेश वर्जित है.

खूंटी जिला है सर्वाधिक प्रभावित

रिपोर्ट की मानें तो खूंटी जिले में ही सबसे ज्यादा पत्थलगड़ी की घटनाएं हुई हैं. खासकर उन क्षेत्रों में जिस क्षेत्रों में अफीम की खेती जोरों से हो रही है. रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि अफीम तस्कर ही पत्थलगड़ी करवा रहे हैं और गांवों के बाहर बैरियर लगवा दिया है ताकि कोई भी पुलिस-पदाधिकारी व बाहरी लोग गांव में प्रवेश नहीं कर पाएं. दरअसल, इस साल जनवरी से 29 अगस्त तक खूंटी, अड़की व मुरहू थाने में कुल 45 किलोग्राम 920 ग्राम अफीम की बरामदगी की गई है. इसी दौरान खूंटी थाना क्षेत्र के इलाकों में 458.70 एकड़, मुरहू थाना क्षेत्र के इलाकों में 873 एकड़ और अड़की थाना क्षेत्र के इलाकों में 218.50 एकड़ में फैली अफीम की खेती नष्ट की गई. जिससे बौखलाए आपराधिक तत्व अब पत्थलगड़ी का सहारा ले रहे है.   

साजिश रचने वाले शख्स की पहचान हुई

Advertisement

आदिवासियों को सरकार के खिलाफ भड़काने व देश विरोधी गतिविधियों की साजिश रचने के तार विदेश से जुड़े हुए हैं. साजिश रचने में पुलिस ने एक ऐसे शख्स की पहचान की है, जो नेपाल की थारू जनजाति का सदस्य है. वह आदिवासियों के मामलों को संयुक्त राष्ट्र में उठाकर इसका अंतरराष्ट्रीयकरण करने की साजिश में जुटा हुआ है. यह सूचना विशेष शाखा के माध्यम से सरकार को सौंपी गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के उक्त शख्स के इशारे पर आदिवासियों को भड़का कर सरकार को अस्थिर करने की साजिश में एक खास वर्ग के कुछ स्थानीय भी शामिल है. ये संविधान की गलत व्याख्या कर साजिशन भोले-भाले आदिवासियों को भड़का रहे हैं. हाल में सुनियोजित साजिश के तहत खूंटी में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को 12 घंटे तक बंधक बनाकर उन्हें भूखे-प्यासे जमीन पर बैठाकर रखा गया था. इससे पूर्व पुलिस वालों को खूंटी जिले के ही मुरहू में बंधक बनाकर रस्सी से बांधकर पिटाई की गई थी. इसी योजना के तहत छत्तीसगढ़ के साथ ही ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में भी आदिवासियों को बरगलाने का काम किया जा रहा है.

 

 

Advertisement
Advertisement