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झारखंड में राशन की दुकान पर पोस्टर- ‘कोई भी भूख से मरने से पहले डीलर से संपर्क करें’

ये वाकया झारखंड के बेहद पिछड़े जिले पश्चिम सिंहभूम से सामने आया है. जिला मुख्यालय चाईबासा से महज 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित रूतासाई गांव में राशन डीलर ने ये पोस्टर दुकान के बाहर लगा रखा है.

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दुकान पर लगा पोस्टर
दुकान पर लगा पोस्टर

देश में जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों का मकसद यही है कि सस्ता राशन गरीबों तक पहुंच सके और किसी को भूखे पेट ना सोना पड़े, लेकिन झारखंड में सरकारी राशन की एक दुकान ऐसी भी है जिसने पोस्टर के जरिए ऐलान कर रखा है कि कोई भी कार्डधारी या अन्य ग्रामीण भूख से मरने से पहले अपने डीलर से संपर्क करे. इस पोस्टर से यही संकेत जाता है कि भूख से मरने की नौबत आ जाए तो राशन डीलर से संपर्क करें. बता दें कि झारखंड से हाल के दिनों में भुखमरी से मरने की कई घटनाएं सुर्खियों में आ चुकी हैं.   

ये वाकया झारखंड के बेहद पिछड़े जिले पश्चिम सिंहभूम से सामने आया है. जिला मुख्यालय चाईबासा से महज 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित रूतासाई गांव में राशन डीलर ने ये पोस्टर दुकान के बाहर लगा रखा है. पोस्टर लगाने के पीछे राशन डीलर की मंशा कुछ भी हो लेकिन ये पीडीएस की सार्थकता पर ही सवालिया निशान लगा रहा है. इस पोस्टर को पढ़ने वाला यही मतलब निकाल सकता है कि सरकार तब ही भूखे गरीब की मदद करेगी जब वो मरने के कगार तक पहुंच जाएगा.   

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पोस्टर लगाने के पीछे राशन डीलर फूलचंद बिरूली की अपनी दलील हैं. फूलचंद के मुताबिक ये पोस्टर उसने एहतियातन लगाया है. फूलचंद को आशंका है कि कहीं क्षेत्र में किसी की मौत को भूख से हुई मौत साबित ना कर दिया जाए और षड्यंत्र के तहत उसकी राशन डीलरशिप को कोई और ना हथिया ले.  

एक तरफ सरकारी अधिकारियों की ओर से दावे किए जाते हैं कि किसी की भी मौत भुखमरी से नहीं हुई और जो भी मौतें हुई हैं वो बीमारियों की वजह से हुईं. वहीं दूसरी ओर राशन दुकानदार खुद ही ऐसे पोस्टर लगाता है तो यहीं संदेश जाता है कि क्षेत्र में भुखमरी से गरीबों के मरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

हालांकि गांव के लोग राशन डीलर से नाखुश नहीं हैं और वो राशन मिलने में कोई बड़ी दिक्कत नहीं बताते. लेकिन वहीं लोगों का ये भी कहना है कि इस तरह का पोस्टर पूरे क्षेत्र में और किसी राशन दुकानदार ने नहीं लगाया है. गांव के लोगों के मुताबिक इस राशन दुकानदार ने सिर्फ पोस्टर ही नहीं लगाया बल्कि ग्राम सभा कर लोगों को इसकी जानकारी भी दी.

झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राम राशन वितरण प्रणाली के पूरी तरह पारदर्शी होने का दावा कर रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि किसी को इसका लाभ नहीं मिल रहा है तो वो उनसे संपर्क करें. सरयू राम ने कार्रवाई के साथ-साथ पीड़ित को सरकार की ओर से मुआवजा देने का भरोसा भी दिया.  सरकार की ओर से वादे बेशक जो भी किए जाएं लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ऐसा पोस्टर लगाने की नौबत ही क्यों आई कि कोई भी कार्डधारी या अन्य ग्रामीण भूख से मरने से पहले डीलर से भेंट करे.

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