झारखंड विधानसभा चुनाव में दलबदलुओं को करारा झटका लगा है. जीत की उम्मीद लगाए सभी दलों के नेता पाला बदलकर दूसरी पार्टियों में शामिल हुए थे, लेकिन जनता ने ऐसे नेताओं को ठेंगा दिखाया है. पाला बदलने वाले ज्यादातर नेता चुनाव हारे हैं. हालांकि कुछ दलबदलू नेताओं का समीकरण सही बैठा और वो अपनी सीट बचाने में सफल रहे हैं.
16 ने बदला था पाला
अगर झारखंड में चुनाव पूर्व हलचलों पर नजर डालें तो पता चलता है कि लगभग 16 नेताओं ने ऐन मौके पर पाला बदल लिया था. कई नेताओं ने तो दो-दो बार पाला बदला, लेकिन जनता दरबार में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. ताला मरांडी ऐसे ही नेता रहे. वे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. चुनाव से पहले वे जेएमएम में गए, लेकिन यहां पर उन्हें टिकट नहीं मिला इसके बाद वे आजसू में गए और बोरियो विधानसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें यहां हार का मुंह देखना पड़ा.
हारे भाजपा के बागी
चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ने वाले नेताओं में राधाकृष्ण किशोर, फूलचंद मंडल, ताला मरांडी, शालिनी गुप्ता, उमाशंकर अकेला रहे. इस विधानसभा चुनाव में उमाशंकर अकेला को छोड़कर सभी को हार का मुंह देखना पड़ा. उमाशंकर अकेला ने बरही सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की.
झामुमो के दो दलबदलू हारे
चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी झटका लगा, पार्टी के कुछ नेता टिकट के लालच में तो कुछ समीकरणों का हवाला देकर दूसरे दल में चले गए. इनमें से शशिभूषण समद, अंतु तिर्की, जय प्रकाश भाई पटेल, कुणाल षाडंगी शामिल थे. इनमें से शशिभूषण समद, अंतु तिर्की, कुणाल षाडंगी चुनाव हार गए जबकि मांडू सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जयप्रकाश पटेल को जीत हासिल हुई.
कांग्रेस के तीनों बागी हारे
कांग्रेस के कई नेता चुनाव से पहले दूसरे दल में गए. इनमें प्रदीप बालमुचू, मनोज यादव, सुखदेव भगत शामिल हैं. प्रदीप बालमुचू और सुखदेव भगत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन इस चुनाव में तीनों नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा.
भवनाथपुर से बीजेपी में आने वाले भानुप्रताप शाही बीजेपी में आकर अपनी सीट जीतने में कामयाब रहे हैं. झारखंड विकास मोर्चा के नेताओं की बात करें तो प्रकाश राम, सत्यानंद भोक्ता और आजसू के विकास मुंडा ने भी अपना पाला बदला. विकास मुंडा तमाड सीट से झामुमो के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. प्रकाश राम चुनाव हार गए जबकि सत्यानंद भोक्ता को जीत मिली. आरजेडी से जनता दल में आने वाले जनार्दन पासवान चतरा से चुनाव हार गए.