
गणतंत्र दिवस का जश्न मंगलवार को देश भर में मना. दिल्ली के राजपथ पर जहां जवानों के शौर्य, देश की ताकत और समृद्ध भारत की झलक देखने को मिली. वहीं, ऊंचे स्थानों पर कड़ाके की सर्दी के बावजूद 72वें गणतंत्र दिवस का उल्लास नजर आया. करगिल जिले के जांसकर सब डिवीजन के स्टॉन्गडे टॉप पर भी देश की शान तिरंगा झंडा शान से फहराया.
करगिल जिला मुख्यालय से करीब 270 किलोमीटर दूर 15 हजार फीट (4571 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित सटॉन्गडे टॉप पर लद्दाख के सांसद जामयांग टी नामग्याल ने तिरंगा फहराया. तिरंगा फहराए जाने के बाद भारत माता की जय की गूंज सुनाई दी, तो वहीं स्थानीय पारंपरिक संगीत की धुन पर थिरकते लोगों ने तिरंगे को सलाम करते हुए उसकी परिक्रमा भी की. सांसद नामग्याल भी राष्ट्र प्रेम की भावना से सराबोर लोगों के साथ थिरकते नजर आए.
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बर्फ से ढंकी चोटी पर स्थानीय कलाकारों ने अपनी कला का भी खूब प्रदर्शन किया. स्थानीय कलाकारों ने माइनस 35 डिग्री तापमान में भी लोकनृत्य प्रस्तुत कर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के दर्शन कराए, वहीं हिम कला का भी अद्भुत नजारा पेश किया. जहां तिरंगा फहराया गया, वहीं पर बर्फ से ही राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ की प्रतिकृति भी बनाई गई थी. बर्फ से बनी अशोक स्तंभ की प्रतिकृति आयोजन का मुख्य आकर्षण रही.

इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि 'लद्दाख के दशरथ मांझी' के रूप में प्रसिद्ध पद्मश्री से सम्मानित टी चोंजोर, प्रसिद्ध कलाकार टी ग्यूरमेट और जेएस वांगचुक मौजूद रहे. चोंजोर ने जांसकर को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने के लिए अकेले ही 38 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कर दिया था. अभी चंद रोज पहले ही चोंजोर को पद्श्री सम्मान देने की घोषणा की गई है.

कार्यक्रम में कोरोना वॉरियर्स और भारतीय सेना को कोरोना काल में गलवान और पैंगॉन्ग के कठिन वातावरण में उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया गया. कार्यक्रम में काउंसिलर एस लाक्पा, एस चोग्याल, इलाके के एसडीएम भी उपस्थित रहे. गौरतलब है कि लद्दाख के सांसद जामयांग टी नामग्याल के प्रयास से जंसकार में पहले जंसकार विंटर स्पोर्ट्स और यूथ फेस्टिवल आयोजित हो रहा है. 'खेलो इंडिया' के तहत 18 जनवरी से शुरू हुए इस 13 दिवसीय आयोजन का समापन 30 जनवरी को होगा.