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लोकसभा में पेश हुआ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल, आज होगी चर्चा

सोमवार को राज्यसभा में सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश किया, जो एक लंबी बहस के बाद पारित हो गया. अब मंगलवार को इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया, जिसके बाद इस प्रस्ताव पर बहस होगी. यह बिल राज्यसभा से पास हो चुका है.

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जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला
जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है. जम्मू-कश्मीर अब अलग केंद्र शासित राज्य बन गया है और लद्दाख भी अलग प्रदेश बन गया है. राज्यसभा में सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश किया, जो एक लंबी बहस के बाद पारित हो गया. अब मंगलवार को इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया, जिसके बाद इस प्रस्ताव पर बहस होगी.

लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास अकेले दम पर बहुमत है, ऐसे में संसद के निचले सदन से इसे पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी. वैसे भी बीजेपी इस बिल को पास कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है और अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, जिसके लिए व्हिप भी जारी कर दिया गया है.

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राज्यसभा में इस बिल को लेकर दो फाड़ दिखी कांग्रेस ने भी अपने सभी लोकसभा सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को कहा है. कांग्रेस पार्टी के नेता के. सुरेश ने लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है. राज्यसभा में ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि पूरा विपक्ष अलग-थलग दिखा.

अक्सर भाजपा का विरोध करने वाली आम आदमी पार्टी भी धारा 370 हटाने के फैसले का समर्थन करती नज़र आई, बसपा ने भी इस फैसले का समर्थन किया. इसके अलावा बीजद, AIADMK, YSR कांग्रेस ने भी इस बिल के पक्ष में वोट दिया है. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 125 और विरोध में कुल 61 वोट पड़े थे.

कश्मीर पर आज की पूरी कवरेज यहां क्लिक कर पढ़ें...

बता दें कि राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है वह लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है.

मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने का फैसला किया है. लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित क्षेत्र बनाया जाएगा, जबकि जम्मू-कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव है. जम्मू-कश्मीर अब राजधानी दिल्ली की तरह कार्य करेगा, जहां विधानसभा तो होगी लेकिन वह केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा.

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