अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु निकले हैं. अब तक 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में इनकी सुरक्षा बड़ी चुनौती है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों के मुताबिक यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. कश्मीर घाटी की ओर बढ़ रही श्रद्धालुओं की गाड़ियों में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग्स लगाए जा रहे हैं. इन टैग्स के जरिए CRPF को हर गाड़ी की सटीक लोकेशन का पता होता है. ड्राइवर को किसी प्रकार की दिक्कत आने पर भी ये टैग्स मदद करते हैं.
दरअसल, ये टैग्स सीधे तौर पर CRPF के कंट्रोल रूम से जुड़े होते हैं. इन टैग्स के सहारे ही गाड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. अधिकारियों का कहना है कि RFID टैग्स अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है.
आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले का खतरा बना रहता है. साल 2017 के जुलाई महीने में आतंकियों ने श्रद्धालुओं से भरी एक बस को निशाना बनाया था. इस घटना में गुजरात के परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन श्रद्धालुओं के आगे आतंकी मंसूबे पस्त हो गए और लोगों का आवागमन जारी रहा.
1 जुलाई से शुरू हुई 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा. इस बार सिर्फ 24 दिनों में तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं.