जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार का पूरा जोर अब राज्य में हालात सामान्य करने पर है. शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अनंतनाग के बाद पुलवामा पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की. पुलवामा में धारा-144 में ढील दी गई.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक श्रीनगर में भी धारा-144 में छूट दी गई है और आज शाम से लैंडलाइन, मोबाइल वॉइस कॉल सुविधाएं बहाल कर दी जाएंगी. हालांकि इंटरनेट पर अभी रोक बरकरार रखी गई है. एनएसए अनंतनाग में ईद की तैयारियों का जायजा लेने भी पहुंचे और स्थानीय लोगों व बच्चों से मुलाकात की. घाटी में चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है. एनएसए अजीत डोभाल भेड़ मंडी भी गए. अनंतनाग लंबे समय से आतंक की मार झेलता आ रहा है.
इससे पहले बुधवार को एनएसए अजीत डोभाल ने शोपियां जिले में स्थानीय लोगों के साथ बातचीत कर उसके साथ लंच किया था. उनका लंच प्रोग्राम यह दिखाने के लिए था कि घाटी के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने के लिए अजीत डोभाल कश्मीर पहुंचे हैं.
ANANTNAG: National Security Advisor Ajit Doval interacts with locals in Anantnag, an area which has been a hotbed of terrorist activities in the past. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/dUd7GPvS2W
— ANI (@ANI) August 10, 2019
शोपियां में लोगों से मुलाकात के दौरान डोभाल ने लोगों को समझाया कि राज्य में किए गए बदलाव के बाद कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा में सुधार कर लोगों के जीवन को आसान बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'सरकार घाटी में बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए हर संभव कोशिश करेगी. यह निजी संस्थानों की तरह अच्छा नहीं हो सकता है, लेकिन आप निश्चित रूप से सुधार देखेंगे.'#WATCH SRINAGAR: People queue up outside an ATM. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/TtlQPEtSk1
— ANI (@ANI) August 10, 2019
वहीं शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों में छूट दी गई. स्कूल खुले और लोग भी सड़कों पर नजर आए. जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को रद्द करने को लेकर केंद्र सरकार के कदम पर संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए 6 दिन पहले निषेधात्मक आदेशों को लागू किया गया था. जम्मू-कश्मीर को अब दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख.