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हरियाणा कांग्रेस में 'ड्रीम राहुल' की दिखने लगी झलक, हुड्डा का रखा खास ख्याल

कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने आखिरकार मंगलवार को हरियाणा में पार्टी जिला अध्यक्षों की सूची कर दी है. जिला अध्यक्ष की नियुक्त में राहुल गांधी के एजेंडे को अमलीजामा पहनाने की कोशिश की है तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद का भी खास ख्याल रखा गया है.

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हरियाणा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नियुक्त में भूपेंद्र सिंह और राहुल गांधी के पसंद का रखा गया ख्याल (Photo-PTI)
हरियाणा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नियुक्त में भूपेंद्र सिंह और राहुल गांधी के पसंद का रखा गया ख्याल (Photo-PTI)

हरियाणा में दस सालों से सत्ता का सियासी वनवास झेल रही कांग्रेस लगातार तीन विधानसभा चनाव हार चुकी है. अब एक दशक के बाद कांग्रेस दोबारा से खड़े होने की कवायद में जुट गई है, जिसके लिए पार्टी ने संगठनात्मक बदलाव का सिलसिला शुरू कर दिया है. मंगलवार को कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा के सभी ज़िलों में नए जिला अध्यक्षों के नाम का एलान कर दिया है. कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों के ज़रिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने का दाँव चला है.

कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष बनाने का काम पार्टी के 'संगठन पुनर्जीवन अभियान' के तहत उठाया है, ताकि लंबे समय से कमज़ोर पड़े जिला संगठन के ढाँचे को फिर से एक बार मज़बूत किया जा सके. हरियाणा में कांग्रेस पिछले 11 साल से जिला स्तर पर मज़बूत संगठन के बिना काम कर रही थी, जिसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. ऐसे में कांग्रेस ने कई महीनों की मशक़्क़त के बाद जिला अध्यक्षों के नामों की फ़ेहरिस्त जारी कर दी है.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जिला अध्यक्षों की सूची जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने हरियाणा की जिला कांग्रेस समितियों के अध्यक्षों की नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी है. पार्टी के मुताबिक, यह बदलाव संगठन को ज़मीनी स्तर पर मज़बूत करने के लिए किया गया है, लेकिन जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पूरा ख़्याल रखा गया है, तो राहुल गांधी के सामाजिक न्याय के एजेंडे को अमलीजामा पहनाने की कवायद भी की गई है.

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हरियाणा में कांग्रेस ने बनाए 32 जिला अध्यक्ष

कांग्रेस ने 11 साल के बाद हरियाणा में अपने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है. इसमें अंबाला कैंट में परविंदर परी, अंबाला सिटी में पवन अग्रवाल, अंबाला ग्रामीण में दुष्यंत चौहान, भिवानी ग्रामीण में बंसीलाल के पौत्र अनिरुद्ध चौधरी, भिवानी शहर में प्रदीप गुलिया, चरखी दादरी में सुशील धानक, फ़रीदाबाद में बलजीत कौशिक, फ़तेहाबाद में अरविंद शर्मा, गुरुग्राम ग्रामीण में वर्धन यादव, शहरी में पंकज डावर, हिसार ग्रामीण से अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल और हिसार शहरी में बजरंग दास गर्ग को कमान सौंपी गई है.

वहीं, झज्जर में संजय यादव, जींद में ऋषि पाल, कैथल में रामचंद्र गुर्जर, करनाल ग्रामीण में राजेश वैद्य, करनाल शहरी में पराग गाबा, कुरुक्षेत्र में मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ में सत्यवीर यादव, मेवात (नूह) में शाहिदा ख़ान, पलवल में नेत्रपाल अधाना, पंचकूला में संजय राणा, पानीपत ग्रामीण से रमेश मलिक, रेवाड़ी ग्रामीण में सुभाष चंद चावड़ी, रेवाड़ी शहरी में प्रवीण चौधरी, रोहतक ग्रामीण में बलवान सिंह रंगा, रोहतक शहरी में कुलदीप सिंह, सिरसा में संतोष बेनीवाल, सोनीपत ग्रामीण में संजीव कुमार दहिया, सोनीपत शहरी में कमल दीवान, यमुनानगर ग्रामीण में नरपाल सिंह और यमुनानगर शहरी में देवेंद्र सिंह को जिला अध्यक्ष बनाया गया है.

हुड्डा का दबदबा, तो सैलजा-कैप्टन का ख़्याल

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हरियाणा में कांग्रेस कई खेमों में बँटी हुई है, जिसके चलते दस साल से पार्टी अपने संगठन को अमलीजामा नहीं पहना पा रही थी. इसकी वजह यह थी कि हर खेमा अपने क़रीबी नेताओं को जिला अध्यक्ष बनवाने की ज़िद पर अड़ा था, इस सियासी अड़चन के चलते ही संगठन नहीं बन पा रहा था. हरियाणा विधानसभा चुनाव हारने के बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया जून में शुरू हुई थी.

राहुल गांधी ने हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं, एआईसीसी और प्रदेश कांग्रेस समिति के पर्यवेक्षकों के साथ बैठक कर संगठन को दोबारा से मज़बूत करने का एलान किया था. इसके बाद पर्यवेक्षकों ने ज़िलों का दौरा किया, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से राय ली और रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद आख़िरकार मंगलवार शाम जिला अध्यक्षों के नाम का एलान कर दिया गया.

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने किसी भी गुट को नज़रअंदाज़ नहीं किया है, लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की छाप साफ़ दिख रही है. प्रदेश के कुल 32 में से 22 जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के क़रीबी बताए जा रहे हैं. इससे साफ़ है कि जिला अध्यक्ष की नियुक्ति में हुड्डा की पसंद का ख़ास ख़्याल रखा गया है. वहीं, कुमारी सैलजा खेमे के सात नेताओं को ज़िला अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा रणदीप सुरजेवाला के एक क़रीबी नेता को ज़िला संगठन की कमान सौंपी गई है, तो कैप्टन अजय यादव के दो क़रीबी नेताओं को ज़िला अध्यक्ष बनाया गया है.

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राहुल के सियासी एजेंडे पर किया अमल

राहुल गांधी के सामाजिक न्याय वाले एजेंडे को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने हरियाणा में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है. इस तरह पार्टी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा है. जाट, ब्राह्मण, राजपूत, बनिया, पंजाबी और पिछड़े वर्ग के नेताओं को मौक़ा देकर हर वर्ग तक पहुँच बनाने की कोशिश की गई है. हरियाणा के चुनाव में मिली हार से सबक़ लेते हुए कांग्रेस ने सभी जातियों को संगठन में जगह दी है.

कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की सूची देखें तो सबसे ज़्यादा दस ओबीसी समाज से आने वाले नेताओं को पार्टी की कमान सौंपी गई है. इसके अलावा पांच दलित, छह जाट, तीन वैश्य, दो ब्राह्मण, दो राजपूत, दो पंजाबी, एक मुस्लिम और एक सिख समुदाय के नेता को कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष बनाया है. इस तरह से कांग्रेस ने समाज में जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के समीकरण पर जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है.

नूह जिले में सबसे ज़्यादा मुस्लिम हैं, तो संगठन की कमान मुस्लिम चेहरे को सौंपी गई है. ओबीसी और जाट समाज सबसे ज़्यादा है, तो उन्हें सबसे ज़्यादा तरजीह दी गई है. इसके अलावा ब्राह्मण समुदाय से लेकर पंजाबी और वैश्य समाज का भी ख़्याल रखा गया है, तो दलित समुदाय को भी अहमियत दी गई है. संतोष बेनीवाल इस सूची में अकेली महिला हैं. उन्हें सिरसा जिला कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.

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