पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर तनाव और गहरा गया है. शनिवार को हरियाणा में हुई सर्वदलीय बैठक में पड़ोसी राज्य पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से बिना शर्त भाखड़ा डैम से पानी छोड़ने की मांग की गई.
पंजाब में भी बुलाई गई थी सर्वदलीय बैठक
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब एक दिन पहले पंजाब में भी सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें भगवंत मान सरकार को समर्थन देते हुए हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर दिया गया था.
शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पंजाब सरकार के रुख की कड़ी आलोचना की गई. बैठक में पंजाब सरकार के कदम को 'असंवैधानिक, अवैध, अमानवीय और अनुचित' बताया गया.
'बिना शर्त तुरंत पानी छोड़े मान सरकार'
हरियाणा की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने एकजुट होकर पंजाब की AAP सरकार से भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की तकनीकी समिति की ओर से 23 अप्रैल और 30 अप्रैल को लिए गए निर्णयों को तुरंत लागू करने की मांग की. बैठक के बाद मुख्यमंत्री सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि मान सरकार को बिना किसी शर्त के तुरंत पानी छोड़ना चाहिए.'
बैठक में सभी दलों ने पारित किया प्रस्ताव
बैठक में शामिल नेताओं में हरियाणा की जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, ऊर्जा मंत्री अनिल विज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली, कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान, जेजेपी के दुष्यंत चौटाला, इनेलो के रामपाल माजरा और आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता शामिल थे. बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें पंजाब सरकार से अपील की गई कि वह BBMB की तकनीकी समिति के उपरोक्त दोनों निर्णयों को बिना शर्त लागू करे.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, 'उन्होंने (पंजाब ने) पीने के पानी की आपूर्ति रोक दी है. सभी दलों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सभी ने कहा है कि वे हरियाणा के हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम करेंगे.' उन्होंने यह भी कहा, 'हम लोगों से अपील करते हैं कि दोनों राज्यों में शांति बनाए रखें.'