तीन तलाक कानून के तहत गुजरात के सूरत में पहला मामला दर्ज हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा नया कानून बनाए जाने के बाद सूरत के रांदेर पुलिस थाने में गुजरात का पहला मामला दर्ज हुआ.
शहर के रांदेर इलाके में रहने वाली एक मुस्लिम महिला को उसके पति ने फोन पर तीन तलाक दे दिया. पति द्वारा तीन तलाक मिलने के बाद मुस्लिम महिला पुलिस की शरण में पहुंची और अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया.
तीन तलाक मामले में पुलिस आरोपियों के खिलाफ जांच कर रही है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी तीन तलाक का मामला सामने आया है. लखनऊ में एक व्यक्ति ने सिविल कोर्ट परिसर के अंदर अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया. पत्नी की कुसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने पति से च्युइंगम लेने से इनकार कर दिया था.
आजतक से बात करते हुए, इंदिरा नगर निवासी 30 वर्षीय सिम्मी ने बताया कि 2004 में उसकी शादी सईद राशिद के साथ हुई थी. शादी के तुरंत बाद पति और ससुरालवाले उसे और उसके परिवार को दहेज के लिए परेशान करने लगे थे. इस बात से परेशान होकर सिम्मी ने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था.
तीन तलाक भारत में अपराध है. तीन तलाक बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है.
अगर मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा. तीन तलाक देने पर पत्नी स्वयं या उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे.