नोटबंदी के फैसले का असर देश के सभी लोगों पर बढ़ रहा है, पश्चिम बंगाल के सतरागाछी से दिल्ली में रोजी-रोटी का सपना लिए आए मजदूरों को अब उल्टे-पांव घर वापिस जाना पड़ रहा है. आनंदविहार रेलवे स्टेशन से सतरागाछी जाने वाली सतरागाछी एक्सप्रेस पूरी तरह से मजदूरों से भरी हुई है, यहां फैक्ट्रियों में काम करने वाले सैकड़ो मजदूरों के पास कोई काम नहीं है यहीं कारण है कि उन्हें वापिस जाना पड़ रहा है.
मजदूरों का कहना है कि हमारे मालिक हमें पूरे दिन बैंकों की लाइन में लगा देते है, अगर नोट नहीं बदले जाते तो उतने पैसे सैलरी से काट लिए जाते, वहीं कुछ मजदूरों की शिकायत है उनके मालिक उनकी सारी सैलरी पुराने 500-1000 के नोटों के रुप में देते जिसका कोई फायदा नहीं होता.
मजदूरों के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन्हें घर जाकर काम कैसे मिलेगा. अब ना कोई काम है और ना ही कोई रकम. नोटबंदी के कारण मजदूरों की घर वापसी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.