अपराधियों के लिए कुख्यात तिहाड़ जेल में कई बदलाव आए हैं और वहां के कई कैदी नई जिंदगी जीने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. उनमें से कई हैं जो जेल में बंद रहकर ही पढ़ाई-लिखाई करते हैं और बेहतर जीवन की तलाश करते हैं. उनमें से कइयों को बढ़िया रोजगार भी मिल रहा है.
ऐसे ही कई मामले इस साल भी सामने आए हैं. अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने खबर दी है कि तिहाड़ के पढ़े लिखे कैदियों को इस साल बढ़िया प्लेसमेंट मिला है. एक कैदी रमेश सिंह (काल्पनिक नाम) को तो देश के एक बड़े रेस्तरां चेन से 4.2 लाख रुपये सालाना सेलरी का ऑफर मिला है. अखबार ने यह भी लिखा है कि इस साल कुल 66 कैदियों को प्लेसमेंट मिला है. पिछले साल यह तादाद महज 30 थी.
रमेश सिंह को हत्या की साजिश का दोषी पाया गया था और उसे तिहाड़ भेज दिया गया था. वहां रहकर उसने पढ़ाई की. पहले स्कूल की परीक्षा पास की और फिर सोशल वर्क में बैचलर की परीक्षा पास की. उसे ताजमहल ग्रुप ऑफ कंपनीज में प्लेसमेंट मिला.
आतिफ हुसैन (काल्पनिक नाम) की कहानी उससे अलग नहीं है. उस पर हत्या के प्रयास का आरोप लगा था और वह तिहाड़ में बंद कर दिया गया था. वहां उसने पढ़ाई की और उसे अब 3.6 लाख रुपये का पैकेज मिला है. इस बार जेल में प्लेसमेंट देने के लिए कुल 31 कंपनियां आईं.
इनमें एनजीओ वेदांता फाउंडेशन भी था. इस बार सैलरी पैकेज 8,000 रुपये प्रति माह से 35,000 रुपये प्रति माह तक रहा. एक कैदी भीम सिंह यादव (काल्पनिक नाम) ने बताया कि 14 साल पहले उसने गुस्से में अपनी पत्नी की हत्या कर डाली थी. उसे इस बात का बहुत पछतावा है. उसे इस बार 2.4 लाख रुपये की सैलरी पर पीपल्स ओन फाउंडेशन ने लिया है. यादव ने केमिस्ट्री में एमएससी किया है.
तिहाड़ जेल में कैंपस प्लेसमेंट प्रोग्राम 2011 में कैदियों के पुनर्वास के लिए शुरू किया गया था. अब इसमें काफी सफलता मिलने लगी है. कंपनियां कई तरह के काम के लिए वहां के लोगों को लेने लगे हैं.